नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज की पांचवीं किस्त की घोषणा कर दी है. निर्मला सीतारमण ने बताया कि कुल 20 करोड़ जनधन खातों में पैसे डाले गए हैं. जन धन योजना के तहत महिला खाता धारकों को 20,267 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं और जरूरतमंदों को सीधे कैश पहुंचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अबतक 16 हजार 394 करोड़ सीधे खाते में ट्रांसफर किए गए हैं और 6.81 करोड़ उज्जवला सिलेंडर बांटे गए हैं.


वित्त मंत्री ने बताया कि आईटी का उपयोग करते हुए ईस्ट संजीवनी कंसल्टेंसी सर्विस की शुरुआत की गई. आरोग्य सेतु ऐप को करोड़ों लोगों ने डाउनलोड किया. भीम ऐप की तरह ये भी लोगों को बहुत लाभकारी है. पहले जहां भारत में एक भी पीपीई किट बनाने की एक भी कंपनी नहीं थी, आज 300 से ज्यादा यूनिट हैं. आज एक दिन में 3 लाख से ज्यादा पीपीई किट बनाई जाती हैं. एन95 मास्क भी लाखों की संख्या में बनाये जा रहे हैं. करीब 11 करोड़ एचसीक्यू टैबलेट का भी का उत्पादन किया.


मनरेगा से जुड़ सकते हैं प्रवासी मजदूर
बहुत सारे प्रवासी मजदूर अपने गांव जा रहे हैं इसलिए मनरेगा में कुछ प्रावधान किए हैं ताकि अगर वो भी मनरेगा में जुड़ना चाहे तो नामांकन करा सकें. सरकार अब मनरेगा के लिए अतिरिक्त 40,000 रुपये आवंटित करेगी.


वित्त मंत्री ने कहा, गरीबों को खाना मुहैया कराया जा रहा है. इसके अलावा कैंप में रह रहे लोगों तक भी मदद पहुंच रही है. गरीबों तक फौरन आर्थिक मदद पहुंचाई जा रही है. उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों की घोषणाओं में कई सुधार रहे हैं जिसमें जमीन, मजदूर, लिक्विडिटी और कानून को संबोधित किया गया है. गरीबों को तुरंत आर्थिक मदद पहुंचाई जा रही है. दालें भी 3 महीने पहले एडवांस में दे दी गईं हैं.


8.19 करोड़ किसानों के खाते में पहुंचे 16 हजार 394 करोड़


वहीं, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम ने आपदा को अवसर में बदला. पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर कैश का डायरेक्ट ​बेनिफिट ट्रांसफर किया गया. 2000 रुपये की एक बार नकदी ट्रांसफर 8.19 करोड़ किसानों तक पहुंची है और इसकी कुल लागत 16,394 करोड़ है. देश के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए प्रधानमंत्री ने 15000 करोड़ की योजना की घोषणा की थी जिसमें से 4113 करोड़ राज्यों को दे दिया गया है. आवश्क वस्तुओं पर 3750 करोड़ खर्च किया गया. टेस्टिंग लैब्स और किट्स पर 505 करोड़ खर्च किया गया.


इसके अलावा नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम जो वृद्ध, अपंग और विधवाओं के लिए शुरू किया गया था उसके तहत 2करोड़ 81लाख लाभार्थियों को 2,807 करोड़ रुपये अब तक ट्रांसफर किए गए हैं. इसमें कुल 3000 करोड़ ट्रांसफर करना था.


'वन नेशन वन डिजिटल प्लेटफॉर्म'
तकनीक की मदद से कोरोना के समय में शिक्षा देने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं. PM ई विद्या प्रोग्राम का डिजिटल और ऑनलाइन शिक्षा के लिए मल्टीमोड एक्सेस होगा. ये राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सभी कक्षाओं के लिए ई-कॉन्टेंट, QR कोडेड पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करवाएगा. इस डिजिटल प्लेटफॉर्म का नाम 'वन नेशन वन डिजिटल प्लेटफॉर्म' है. हर क्लास के लिए एक चिन्हित चैनल भी होगा. 'वन क्लास वन चैनल' के नाम से जिसे शुरू कर रहे हैं.

सभी जिलों के अस्पतालों में संक्रामक रोग ब्लाक होंगे. ग्रामीण इलाकों में लैब नेटवर्क पर्याप्त नहीं है इसलिए सभी ब्लाक स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य लैब तैयार की जाएंगी.

इंसॉल्वेंसी बैंकरप्सी कोड में 2016 के बाद दोगुनी से ज्यादा रिकवरी
जिस तरह सरफेसी और DRT एक्ट में पहले रिकवरी के प्रयास किए जाते थे. इंसॉल्वेंसी बैंकरप्सी कोड में 2016 आने के बाद दोगुनी से ज्यादा रिकवरी हुई है. 221 केसों में 44% रिकवरी हुई है, एडमिटेड क्लेम 4 लाख 13 हजार करोड़ हैं और वसूली योग्य रकम 1 लाख 84 हजार करोड़ है.


इसके अलावा, स्वयं प्रभा जो एक डायरेक्ट टेलीकास्ट मोड है इसमें 3 चैनल पहले से ही स्कूली शिक्षा के लिए चिन्हित हैं. अब 12 और चैनलों को इसमें जोड़ा जाएगा. इससे ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में काफी मदद मिल सकती है.