नई दिल्ली: केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि वर्तमान में भारत सहित दुनिया की अर्थव्यवस्था चुनौतियों का सामना कर रही है. उन्होंने यह बात ‘द राइज ऑफ फाइनेंस: कॉजेज, कॉन्सीक्वेन्सेज एंड क्योर’ नामक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर कही.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वैश्विक वित्तीय स्थिति की चुनौतियों से कैसे निकलें इन समस्याओं का इस किताब में समाधान है. गौरतलब है कि देश की अर्थव्यवस्था मंदी की मार झेल रही है. इसी के साथ कुछ दिनों पहले ही भारत को आर्थिक मोर्चे पर एक और बड़ा झटका लगा है. दरअसल, अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की रेटिंग घटाकर 'स्टेबल' से 'नेगेटिव' कर दी है. रेटिंग एजेंसी ने इसके पीछे सबसे बड़ी वजह अर्थव्यवस्था का बेहद धीमी गति से बढ़ना और लगातार बढ़ते सरकारी कर्ज को माना है.
मूडीज का मानना है कि भारत में चल रही मंदी लंबी अवधि वाली है. मूडीज के अनुमान के मुताबिक, मौजूदा वित्त वर्ष में बजट घाटा सरकार के 3.3 फीसदी के लक्ष्य से बढ़कर 3.7 फ़ीसदी पर पहुंचने का अनुमान है. इसकी सबसे बड़ी वजह धीमी बढ़ोतरी दर और कॉरपोरेट टैक्स में कटौती है.
वहीं, मूडीज की तरफ से भारत की रेटिंग घटाए जाने के बाद वित्त मंत्रालय ने कहा है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी के साथ बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. आईएमएफ ने अपने हालिया वर्ल्ड इकोनामिक आउटलुक में कहा है कि साल 2019 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.1 फीसदी की दर से बढ़ेगी, जबकि 2020 में अर्थव्यवस्था 7 फ़ीसदी की दर से बढ़ेगी.
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