नई दिल्ली: एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के संबंध में सरकार का ध्यान ग्रामीण इलाकों में प्रशिक्षण, अस्पतालों में संक्रमण रोकने के लिए बेहतर तौर-तरीका लागू करने और फंगल संक्रमण की रोकथाम पर है. ग्रामीण इलाकों में महामारी के प्रसार की खबरों के बीच उन्होंने कहा कि देश के हरेक हिस्से में कोविड प्रबंधन होना चाहिए.
गुलेरिया ने कहा, ‘‘सभी हिस्सों से खासकर ग्रामीण इलाकों से संपर्क बनाना चाहिए. स्वास्थ्य मंत्रालय और आखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने क्षेत्रीय स्तर पर राष्ट्रीय उत्कृष्टता संस्थानों के लिए ग्रामीण इलाकों में कोविड प्रबंधन को लेकर 30 अप्रैल से 13 मई तक एक कार्यक्रम चलाया. इस दौरान होम क्वारंटीन, उपचार-दवा, आईसीयू प्रबंधन, जांच, मधुमेह प्रबंधन पर वेबिनार आयोजित किए गए.’’
उन्होंने देश के विभिन्न भागों में फंगल संक्रमण के बढ़ते मामलों पर आगाह करते हुए कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि अस्पतालों को संक्रमण रोकने के लिए निर्देशों का पालन करना चाहिए. गुलेरिया ने कहा, ‘‘ऐसा देखा गया है कि द्वितीयक संक्रमण चाहे फंगल से हो या बैक्टीरिया जनित, इससे ज्यादा मौतें हो रही है. म्यूकरमाइकोसिस से चेहरा, आंखों के घेरे या मस्तिष्क प्रभावित हो सकता है जिससे दृष्टि भी जा सकती है. यह (संक्रमण) फेफड़े तक पहुंच सकता है.’’
उन्होंने कहा कि स्टेरॉयड के दुरुपयोग से भी इस तरह के संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. गुलेरिया ने कहा, ‘‘मधुमेह से ग्रस्त, कोविड-19 के रोगियों और स्टेरॉयड लेने वालों में फंगल संक्रमण की आशंका रहती है. इसे रोकने के लिए हमें स्टेरॉयड का दुरुपयोग रोकना चाहिए.’’
उधर, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को कहा कि म्यूकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के कुछ मामले राज्य में आए हैं. विजयन ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र और गुजरात, केरल में भी ब्लैक फंगस के कुछ मामले आए हैं. राज्य चिकित्सा बोर्ड ने नमूने एकत्र किए हैं और आगे जांच की जा रही है.’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज का संक्रामक रोग विभाग भी घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं.
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