रांची: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने चारा घोटाले के देवघर कोषागार से फर्जी निकासी के मामले में मिली सजा के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में अपनी अपील दाखिल की. इसके साथ ही उन्होंने जमानत की भी अर्जी दायर की. लालू प्रसाद के वकील चितरंजन प्रसाद ने शुक्रवार की शाम को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस मामले पर अगले शुक्रवार यानि 19 जनवरी को सुनवाई होने की संभावना है.


लालू यादव और उनके चारा घोटाले के 15 दूसरे सह अभियुक्तों को अदालत ने छह जनवरी को ही वीडियो कांफ्रेंसिंग से सजा सुनाने के बाद आदेश की प्रमाणित कॉपी जेल में भेज दी थी. इसे लेकर दूसरे अधिकतर अभियुक्त भी झारखंड हाई कोर्ट में जमानत के लिए अपील की तैयारी में हैं.


लालू यादव के मुख्य अधिवक्ता चितरंज प्रसाद ने बताया कि अदालत ने शनिवार को ही अपने आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि जेल में लालू यादव के पास भिजवा दी थी. इसके आधार पर अपील की तैयारी की गयी और आज झारखंड हाई कोर्ट में जमानत के लिए अपील दाखिल की गयी.


आरजेडी प्रमुख को साढ़े नौ सौ करोड़ रुपये के चारा घोटाले में दूसरी बार आपराधिक षड्यंत्र और भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत छह जनवरी को सजा सुनायी गयी. इससे पहले चारा घोटाले के ही चाईबासा कोषागार से जुड़े एक मामले में उन्हें तीन अक्तूबर, 2013 को भी इन्हीं धाराओं के तहत पांच सालों के लिए सश्रम कारावास और 25 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी गयी थी.


लालू यादव को विशेष सीबीआई अदालत ने छह जनवरी को देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये के फर्जी ढंग से गबन के आरोप में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी, 420, 467, 471 और 477ए के तहत जहां साढ़े तीन वर्ष कैद और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी थी. वहीं उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के आधार पर दोषी करार देते हुए भी अलग से साढ़े तीन साल कैद और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी थी. अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि लालू यादव की दोनों सजायें एक साथ चलेंगी.


जुर्माना न अदा करने की स्थिति में लालू यादव को छह माह अतिरिक्त जेल की सजा काटनी होगी. चारा घोटाले के इस दूसरे मामले में लालू को कुल मिलाकर अदालत ने साढ़े तीन वर्ष कैद और दस लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी थी.