रांची: चारा घोटाला मामले में जेल में बंद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री औऱ आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को देवघर ट्रेजरी से अवैध निकासी के केस में झारखंड हाईकोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया है. इस मामले में लालू यादव को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई थी.
लालू को 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले में दूसरी बार आपराधिक षड्यंत्र और भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत सजा सुनायी गयी थी. इससे पहले चारा घोटाले के ही चाईबासा ट्रेजरी से जुड़े एक मामले में उन्हें तीन अक्तूबर, 2013 को भी इन्हीं धाराओं के तहत पांच साल की सश्रम जेल और 25 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी गयी थी.
लालू यादव को विशेष सीबीआई कोर्ट ने 6 जनवरी को देवघर ट्रेजरी से 89 लाख, 27 हजार रुपये के फर्जी ढंग से गबन के आरोप में आईपीसी की धारा 120बी, 420, 467, 471 और 477ए के तहत जहां साढ़े तीन साल की कैद और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी थी.
वहीं उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के आधार पर दोषी करार देते हुए भी अलग से साढ़े तीन साल कैद और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी थी. कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि लालू की दोनों सजायें एक साथ चलेंगी. जुर्माना न अदा करने की स्थिति में लालू यादव को छह माह अतिरिक्त जेल की सजा काटनी होगी.
चारा घोटाले के इस दूसरे मामले में लालू को कुल मिलाकर कोर्ट ने साढ़े तीन साल कैद और 10 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी थी.