रांची: बहुचर्चित चारा घोटाले में रांची की एक विशेष सीबीआई अदालत ने एक मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव सहित 16 लोगों को दोषी करार दिया, जिनको तीन जनवरी को सजा सुनाई जाएगी. वहीं इस मामले में सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र सहित छह लोगों को अदालत ने निर्दोष करार देते हुए रिहा कर दिया. इस मामले में दोषी ठहराये गए सभी 16 लोगों को हिरासत में लेकर बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया है.


चारा घोटाले के इस मामले में कुल 22 लोगों को आरोपी बनाया गया था. अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र के अलावा बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद और पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, हार्दिक चंद्र चौधरी, सरस्वती चंद्र और साधना सिंह को दोषमुक्त करार कर दिया.


विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने नौ सौ पचास करोड़ रुपये के चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मुकदमे में आज यह फैसला सुनाया. यह मामला साल 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से अवैध तरीके से रुपये की निकासी से संबंधित है. सीबीआई ने 27 अक्तूबर, 1997 को मुकदमा संख्या आरसी, 64 ए, 1996 दर्ज किया था और लगभग 21 साल के बाद इस मामले में आज फैसला सुनाया गया.


इस मामले में कुल 38 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इनमें से 11 की मौत हो चुकी है, वहीं तीन सीबीआई के गवाह बन गये जबकि दो ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया था. जिसके बाद उन्हें 2006-07 में ही सजा सुना दी गयी थी. इसके बाद 22 आरोपी बच गए थे, जिनको लेकर आज फैसला सुनाया गया.


इस मामले में तीन आईएएस अधिकारियों फूलचंद सिंह, बेक जूलियस और महेश प्रसाद को भी आरोपी बनाया गया था. इससे पहले चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, सत्तर लाख रुपये अवैध ढंग से निकासी करने के चारा घोटाले के एक दूसरे मामले में इन सभी को सजा हो चुकी है.