फॉग सेफ्टी डिवाइस की मदद से कोहरे में भी तेज दौडेंगी ट्रेनें, जानें ये कैसे काम करता है
फॉग सेफ्टी डिवाइस को ट्रेन में ड्राईवर के पास लगाया गया है. इसकी मदद से ट्रेन ड्राइवर को रियल टाइम लोकशन की सटीक जानकारी मिलती है.
नई दिल्ली: नए साल की शुरुआत के साथ ही देश के उत्तरी भागों में कड़ाके की ठंड ने दस्तक दे दी है. पिछले कई दिनों से देश के उत्तरी भागों में ठंड और कोहरा कम होने का नाम नहीं ले रहा है. राजधानी दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में कोहरे की वजह से ट्रेनों की आवाजाही पर बुरा असर पड़ा है. अब इस समस्या से निजात पाने के लिए उत्तरी रेलवे ट्रेनों में फॉग सेफ्टी डिवाइस लगा रही है. इस डिवाइस की मदद से कोहरे में ट्रेनों की हाई स्पीड को बनाए रखा जा सकेगा और इसके साथ ही ट्रेनों की देरी को भी कम किया जा सकेगा. ये डिवाइस जीपीएस की मदद से काम करता है.
Delhi: Fog safety device being installed in trains in Northern India by Indian Railways to increase speed & reduce delay of trains caused by fog pic.twitter.com/oNKwRZ1m6A
— ANI (@ANI) January 4, 2018
फॉग सेफ्टी डिवाइस को ट्रेन में ड्राईवर के पास लगाया जा रहा है. इसकी मदद से ट्रेन ड्राइवर को रियल टाइम लोकशन की सटीक जानकारी मिलती है. इस डिवाइस में लगा डिसप्ले लोकेशन और ट्रैक से संबंधित जानकारी देगी है, जिससे चालक को मदद मिलेगी.
We have used GPS technology in the device with a map of tracks, signals, stations & level crossing of Northern Railway in it. It alerts loco pilot about level crossing/signal. When drivers know there are no hurdles, they can increase speed: Nitin Chowdhary, Northern Railway CPRO pic.twitter.com/fcsrA0o92b
— ANI (@ANI) January 4, 2018
उत्तरी रेलवे के सीपीआरओ नितिन चौधरी ने इस डिवाइस के बारे में बताया कि इसमें उत्तरी रेलवे का मैप भी है. जिसकी मदद से ये डिवाइस ड्राइवर को सिग्नल और ट्रैक से संबंधित रियल टाइम जानकारी देता है.
उन्होंने कहा, ‘’हमने इस डिवाइस में जीपीएस तकनीक का प्रयोग किया है...इसमें उत्तरी रेलवे का मैप भी है जिसमें पटरियों, सिग्नल्स, स्टेशनों और लेवल क्रॉसिंग शामिल हैं. यह लोको पायलट को क्रॉसिंग और सिग्नल के बारे में अलर्ट करता है...जब ड्राइवर को पता चलता है कि आगे कोई बाधा नहीं है, तो वे ट्रेन की स्पीड को बढ़ा सकते हैं.’’
अब ये देखना होगा कि इस डिवाइस के इस्तेमाल से रेलवे कोहरे की मार से किस तरह बचती है.