नई दिल्ली: राज्य सरकारों की दुविधा को ख़त्म करते हुए केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि देशभर में बिना राशन कार्ड वाले सभी लोगों को मुफ़्त राशन की सुविधा दी जाए. इसमें प्रवासी मज़दूर भी शामिल हैं. राज्यों के खाद्य सचिवों को भेजे एक पत्र में खाद्य मंत्रालय ने साफ़ किया है कि ऐसे सभी लोग जिनका राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत या राज्य सरकारों की ओर से राशन कार्ड नहीं बना है. उन सभी लोगों को मई और जून महीने के लिए मुफ्त राशन दिया जाए. पहले कहा गया था कि वैसे प्रवासी मज़दूर जिनके पास राशन कार्ड नहीं है वही इस स्कीम का लाभ ले सकते हैं.


मोदी सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज के तहत वैसे सभी लोगों को भी दो महीने का मुफ़्त राशन देने का ऐलान किया था जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. ऐसे लोगों की संख्या देशभर में क़रीब 8 करोड़ अनुमानित हैं जिनको मई और जून के लिए प्रति व्यक्ति 5 किलो मुफ़्त अनाज और चना देने की घोषणा की गई थी. इसी हफ़्ते बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने इस ऐलान पर मुहर लगाई थी. हालांकि सरकार ने वैसे लोगों के लिए पहले ही पीएम ग़रीब कल्याण योजना के तहत अप्रैल , मई और जून महीने के लिए प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज और दाल मुफ़्त देने का फ़ैसला किया था जो राष्ट्रीय खाद्या सुरक्षा स्किम के लाभार्थी हैं. ऐसे लोगों की संख्या क़रीब 81 करोड़ है.


इस मसले पर शुक्रवार को केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने सभी राज्यों के खाद्य मंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए बैठक की. बैठक में पीएम ग़रीब कल्याण योजना और आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत दिए जाने वाले मुफ़्त अनाज वितरण के अलावा वन नेशन वन राशन कार्ड और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा स्किम के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई. सभी राज्यों से कहा गया है कि पहले लाभर्थियों को मुफ्त राशन देने का काम शुरू कर दिया जाए और उसके बाद उन लाभर्थियों की सूची खाद्या मंत्रालय को भेजा जा सकता है. इसके लिए राज्यों को 15 जुलाई तक का समय दिया गया है.