महंगाई पर लगाम लगाने की तैयारी, जानिए- खाद्य तेलों की कीमत एक साल में कितने बढ़ी है?
पिछले कई महीनों में खाद्य तेल महंगे हुए हैं, इसलिए अब सरकार महंगाई पर लगाम कसने के लिए करीब 82 करोड़ रुपए खर्च करेगी.खाद्य तेल की कमी को पूरा करने के लिए देश आयात पर निर्भर है. देश में सालाना 75 हजार करोड़ रुपये के खाद्य तेलों का आयात होता है.
नई दिल्ली: देश में खाद्य तेल के बढ़ते दामों पर अब लगाम कसने की तैयारी हो रही है. सरकार ने किसानों को सोयाबीन और मूंगफली के उन्नत बीच बांटने की योजना बनाई है. सरकार मिनी किट में सोयाबीन और मंगूफली समेत कई दालों के बीज देगी. दरअसल पिछले कई महीनों में खाद्य तेल महंगे हुए हैं, इसलिए अब सरकार महंगाई पर लगाम कसने के लिए करीब 82 करोड़ रुपए खर्च करेगी.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने कहा है कि राज्य सरकारों के साथ परामर्श करके मिनी किट बांटने की तैयारी पूरी कर ली गई है. इस साल करीब 20 लाख किसानों को किट बांटी जाएगी. इस किट का पूरा खर्च केंद्र सरकार ही उठाएगी. किट में सोयाबीन, मुंगफली, तूल, उड़द और मूंग दाल के बीज बांटे जाएंगे.
सरकारी आंकड़ों में कहा गया है कि खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में एक साल में 55.55 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसके कारण पहले से ही कोरोना वायरस महामारी के कारण पैदा हुए संकट का सामना कर रहे उपभोक्ता की परेशानी और बढ़ी है.
बता दें कि खाद्य तेल की कमी को पूरा करने के लिए देश आयात पर निर्भर है. देश में सालाना 75 हजार करोड़ रुपये के खाद्य तेलों का आयात होता है. इस साल 8 मई को वनस्पति की खुदरा कीमत 55.55 प्रतिशत बढ़कर 140 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है, जो एक साल पहले इसी अवधि में 90 रुपये प्रति किलोग्राम थी. इसी तरह पाम ऑयल का खुदरा मूल्य 51.54 प्रतिशत बढ़कर 132.6 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है, जो पहले 87.5 रुपये प्रति किलोग्राम था.
रिफाइंड सोया तेल कीमतों में सुधार
रिफाइंड सोया तेल का दाम 3.4 रुपए के सुधार के साथ 1,489.5 रुपए प्रति 10 किलो ग्राम हो गया. नेशनल कमोडिटी एण्ड डेरिवेटिव्ज एक्सचेंज में मई माह में डिलीवरी के लिये रिफाइंड सोया तेल के वायदा अनुबंध का भाव 3.4 रुपये यानी 0.23 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,489.5 रुपये प्रति 10 किग्रा हो गया. इस अनुबंध में 6,405 लॉट के लिये सौदे किये गये. रिफाइंड सोया तेल के जून माह में डिलीवर वाले वायदा अनुबंध का भाव 6.4 रुपये यानी 0.45 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,413.9 रुपये प्रति 10 किग्रा हो गया. इस अनुबंध में 37,315 लॉट के लिये सौदे किये गये.