GST Provision: जीएसटी के विरोध में देशभर में आज व्यापारियों की हड़ताल, कारोबार रहेगा बंद
Protest Against GST: देश में खाने-पीने की चीजों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने पर देशभर के व्यापारी अपना कारोबार बंद कर विरोध कर रहे हैं. ये नई दर 18 जुलाई से लागू कर दी जाएगी जिसका विरोध शुरू हो गया है.
Traders Strike: देश में महंगाई को लेकर चल रहे विरोध के क्रम में एक कड़ी और जुड़ गई है. अनब्रांडेड प्री-पैकेज्ड (Pre Packaged) और प्री लेबल आटा, दाल, दही, गुड समेत विभिन्न खाद्य उत्पादों (Food Products) पर 18 जुलाई से लगने वाले 5 फीसदी जीएसटी (GST) के विरोध में आज देशभर की 7300 कृषि उपज मंडियां, 13,000 दाल मिलें, 9,600 चावल मिलें, 8,000 आटा मिलें और 30 लाख छोटी चक्कियां बंद रखने की घोषणा की गई है.
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल की कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला किया गया है कि कारोबार बंद में करीब तीन करोड़ खुदरा व्यवसायी भी शामिल होंगे. अगर केंद्र सरकार GST वापस नहीं लेगी तो आंदोलन तेज किया जाएगा. संगठन के राष्ट्रीय चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि अनब्रांडेड खाद्य उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाना जीएसटी की मूल भावना के विपरीत है.
पूरे देश से व्यापारी इस बैठक में हुए शामिल
पूर्व वित्तमंत्री स्व. अरुण जेटली ने कहा था कि आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा. इसके मद्देनजर यह विरोध किया जा रहा है क्योंकि सरकार के इस कदम से महंगाई और बढ़ेगी. बैठक में महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, हिमाचलप्रदेश, उत्तराखण्ड, छत्तीसगढ़, बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, झारखण्ड, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और दिल्ली आदि प्रांतों के व्यापारी तथा उद्योगपति शामिल हुए.
सरकार के सामने रखा ये प्रस्ताव
28 और 29 जुलाई को चण्डीगढ़ (Chandigarh) में आयोजित जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक में जीएसटी काउंसिल सदस्यों द्वारा केन्द्र सरकार को अनुशंषा की है कि सूचीबद्ध खाद्य वस्तुएं (Food Items) तथा ग्रेन्स आदि जो ब्राण्डेड की श्रेणी में नहीं आते इस एक्जेम्प्शन को समाप्त करते हुए यह अनुशंषा की जाती है कि प्री-पैकेज्ड तथा प्री-लेबल्ड रिटेल पैक जोकि लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट के अन्तर्गत परिभाषित है, को एक्जेम्प्शन से एक्सक्लूड किया जाता है.
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