नई दिल्ली: कोरोना महामारी से निपटने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र हथियार के तौर पर माना जा रहा है. लेकिन इस टीकाकरण अभियान में महिलाओं की संख्या पुरुषों से काफी कम है. भारत में अबतक हर एक हजार पुरुषों में केवल 854 महिलाओं को ही टीका लगाया गया है. यानी टीकाकरण अभियान में महिलाएं पुरुषों के मुकाबले कम टीका लगवा रही हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादातर राज्यों में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं कम टीका लगवा रही हैं. हालांकि केरल और छत्तीसगढ़ ही ऐसे राज्य हैं जहां पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को टीका लगाया गया है. छत्तीसगढ़ में प्रति 1000 पुरुषों पर 1013 महिलाओं की आबादी है, लेकिन टीकाकरण का अनुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 1045 महिलाओं का है. वहीं केरल में वयस्क आबादी का लिंगानुपात 1000:1126 है, लेकिन टीका लगवाने के मामले में प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं का अनुपात 1087 है.
दूसरे राज्यों में पुरुषों और महिलाओं का अनुपात
केरल, छत्तीसगढ़ के अलावा तमिलनाडु, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में व्यस्क महिलाओं का अनुपात पुरुषों से ज्यादा है. लेकिन यहां टीकाकरण अभियान के मामले में महिलाएं पीछे हैं. दिल्ली में सबसे कम वयस्क आबादी का लिंगानुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 887 महिलाओं का है और यहां महिलाओं का टीकाकरण भी काफी कम हुआ है. जम्मू-कश्मीर, गुजरात, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश ऐसे कुछ राज्य है जहां 30 फीसदी से ज्यादा व्यस्क आबादी का टीकाकरण हो चुका है लेकिन यहां भी महिलाओं का टीकाकरण कम हुआ है.
जम्मू-कश्मीर में प्रति एक हजार पुरुषों पर सबसे कम 711 व्यस्क महिलाओं का टीकाकरण हुआ है. वहीं दिल्ली में 722, उत्तर प्रदेश में 746, पंजाब में 770, पश्चिम बंगाल में 779, मध्य प्रदेश में 787, बिहार में 810 महिलाओं का टीकाकरण प्रति एक हजार पुरुषों पर हुआ है. माना जा रहा है कि महिलाओं के टीकाकरण में कमी की बड़ी वजह उनका घर से बाहर न निकलना हो सकता है. इसके अलावा ये भी संभव है कि महिलाएं टीकाकरण के लिए ऑनलाइन अपना स्लॉट बुक करने में असमर्थ हो.
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