श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में अब कोई भी व्यक्ति सीआईडी की सत्यापन रिपोर्ट के बिना सरकारी नौकरी नहीं ले सकता. जम्मू और कश्मीर सिविल सेवा (चरित्र और पूर्ववृत्त का सत्यापन) निर्देश, 1997 में केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन की तरफ से संसोशन किया गया है. जिसके बाद अब सरकारी महकमें में नौकरी के लिए सीआईडी की सत्यापन रिपोर्ट की जरूरत होगी.
देनी होगी कई अहम जानकारियां
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, सीआईडी से सत्यापन रिपोर्ट लेने के लिए व्यक्ति को यह भी बताने की जरूरत होगी कि उसके परिवार का कोई सदस्य या करीबी रिश्तेदार किसी राजनीतिक दल या संगठन से जुड़ा है या नहीं, किसी राजनीतिक गतिविधि में भाग लिया है या नहीं, किसी विदेशी मिशन या संगठन से जुड़ा है या नहीं और जमात-ए-इस्लामी जैसे किसी प्रतिबंधित संगठन के साथ संबंध है या नहीं.
तीन सरकारी अधिकारियों की बर्खास्तगी के बाद हुआ संशोधन
दरअसल ये संशोधन तीन सरकारी अधिकारियों की सेवा से बर्खास्तगी के बाद हुआ है. इन अधिकारियों पर कथित रूप से राज्य विरोधी गतिविधियों का आरोप लगा है. इन सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ राज्य विरोधी गतिविधियों के आरोपों की जांच के लिए प्रशासन की तरफ से पिछले महीने एक समिति गठित करने के बाद यह इस तरह की पहली कार्रवाई थी.
नए संशोधन के मुताबिक, सेवारत कर्मचारियों को सीआईडी से पुन: सत्यापन की आवश्यकता के मामले में नियुक्ति की तारीख से पोस्टिंग और पदोन्नति का विवरण देना होगा. इसके अलावा माता-पिता, पति या पत्नी, बच्चों और सौतेले बच्चों के अलावा सास-ससुर, साले और ननद की नौकरी का भी विवरण देना होगा.
सत्यापन में दो महीने से ज्यादा नहीं लगा सकता CID
नए नियमों के तहत नियुक्ति प्राधिकारी उम्मीदवारों से प्राप्त सत्यापन प्रपत्रों को सीलबंद लिफाफे में सीआईडी मुख्यालय को अग्रेषित करेंगे. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी एक सरकारी आदेश में कहा गया है, "सीआईडी चयनकर्ताओं के चरित्र और पूर्ववृत्त का सत्यापन करेगा और चयनकर्ताओं की सूची प्राप्त होने की तारीख से एक महीने के भीतर इसे अपेक्षित प्राधिकारी को अग्रेषित करेगा." CID किसी भी सत्यापन में दो महीने से ज्यादा नहीं लगा सकता.
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