जम्मू कश्मीर में कांग्रेस-पीडीपी सरकार को लेकर अटकलें!
जम्मू कश्मीर विधानसभा में बहुमत के लिए 44 विधायकों की जरूरत है. पीडीपी के पास 25 और कांग्रेस के पास 14 विधायक हैं. यानी बहुमत के लिए चार विधायकों की जरूरत है जिसे जुटाने में बहुत मुश्किल नहीं आएगी.
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर की राजनीति को लेकर दिल्ली में हलचल तेज है. कयास लग रहे हैं कि पीडीपी ने कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए साथ आने का ऑफर किया है, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है. गठबंधन की खबरों को कांग्रेस ने भी गलत बनाया है. इस बीच दिल्ली में जम्मू कश्मीर पर कांग्रेस की पॉलिसी प्लानिंग ग्रुप की बैठक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के घर पर हुई. इसमें मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद, अम्बिका सोनी, कर्ण सिंह और पी चिदंबरम के अलावा जम्मू कश्मीर के प्रदेश अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर मौजूद थे.
सूत्रों के मुताबिक बैठक के एजेंडे में समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन का मुद्दा भी शामिल था. हालांकि मीटिंग के बाद कांग्रेस की जम्मू कश्मीर प्रभारी अम्बिका सोनी ने कहा कि बैठक में राज्य में सरकार गठन पर कोई बात नहीं हुई. अम्बिका ने कहा कि हम अपने पार्टी की बात लेकर लोगों के बीच जाएंगे. गठबंधन के सवाल पर कहा कि किसके साथ गठबंधन होगा ये बाद का सवाल है, पहले हमें अपनी पार्टी को मजबूत करना है.
प्रदेश अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने कहा कि 2014 में कांग्रेस ने जो ऑफर दिया था (पीडीपी को सरकार बनाने के लिए) तब से अब तक हालात काफी बदल चुके हैं. PDP पहले वाली PDP नहीं रही. कांग्रेस गठबंधन या सरकार गठन की कोई कोशिश नहीं कर रही.
यानी एक तरफ पार्टी कांग्रेस सरकार गठन और पीडीपी से गठबंधन से इनकार कर रही है लेकिन पूरी तरह पत्ते भी नहीं खोल रही. मंगलवार को कांग्रेस ने श्रीनगर में पार्टी विधायकों और वरिष्ठ नेताओं की अहम बैठक बुलाई है. इस सब के बीच पीडीपी नेता पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती दिल्ली में हैं.
इस बीच महबूबा के सोनिया गांधी से मुलाकात को लेकर भी अटकलें हैं. इस पर कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कहा कि मुलाकात का कोई निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए. सिंघवी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए ये भी कहा कि प्रदेश का सत्यानाश कर दिया गया. अब हमारे ऊपर मढ़ने की कोशिश हो रही है कि हम सरकार बना रहे हैं.. हम इतने मूर्ख नहीं है! हिम्मत है तो चुनाव करवाइए.
जम्मू कश्मीर विधानसभा में बहुमत के लिए 44 विधायकों की जरूरत है. पीडीपी के पास 25 और कांग्रेस के पास 14 विधायक हैं. यानी बहुमत के लिए चार विधायकों की जरूरत है जिसे जुटाने में बहुत मुश्किल नहीं आएगी. अपुष्ट सूत्रों के कांग्रेस के पास पीडीपी का ऑफर भी है. लेकिन कांग्रेस के लिए फैसला करना काफी मुश्किल है.