जानिए- कितने सौ साल में पहली बार रोकी जा रही है जगन्नाथ मंदिर की रथ यात्रा
आखिरी बार सन 1733 से 1735 के बीच मंदिर पर आक्रमण के कारण रथ यात्रा का आयोजन नहीं हो पाया था.रथ यात्रा में हर साल प्रभु जगन्नाथ का 45 फुट लंबा रथ खींचा जाता है.
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भारत में कई तरह के धार्मिक उत्सव लगभग पूरे साल होते रहते हैं. कई प्रमुख त्योहारों में से एक है भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा. हर साल करीब इसी दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में भगवान श्रीकृष्ण, सुभद्रा और बलराम की रथ यात्रा निकाली जाती है. इनमें सबसे महत्वपूर्ण और सबसे प्रमुख है पुरी में होने वाली रथ यात्रा. कई दिनों तक चलने वाला ये आयोजन सदियों से चल रहा है, लेकिन अब पहली बार कोरोना वायरस महामारी के कारण इसका आयोजन रोकना पड़ रहा है.
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार 4 प्रमुख धामों में से एक जगन्नाथ धाम से शुरू होने वाली ये यात्रा 10 दिन तक चलती है. ओडिशा के तटीय शहर पुरी में होने वाली इस रथ यात्रा पर भी इस बार कोरोना की मार पड़ गई. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार 18 जून को अपने आदेश में इस साल की यात्रा के आयोजन पर रोक लगा दी.
चीफ जस्टिस एसए बोबडे की पीठ ने मौजूदा स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए रथ यात्रा के आयोजन पर रोक लगाते हुए कहा, “रथ यात्रा और उससे जुड़ी गतिवधियों के कारण बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं. अगर हमने इसकी इजाजत दी तो प्रभु जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे.”
प्रभु जगन्नाथ की इस रथ यात्रा का भक्तों को साल भर इंतजार रहता है. 10 दिन तक चलने वाले आयोजन में देशभर से लाखों लोग जुटते हैं और रथ यात्रा में शामिल होते हैं. इसमें प्रभु जगन्नाथ के 45 फुट लंबे रथ को खींचा जाता है.
284 साल बाद नहीं होगी रथ यात्रा
इस साल रथ यात्रा की शुरुआत 23 जून से होनी थी लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद आयोजन नहीं हो पाएगा. करीब 3 सदियों में ये पहला मौका है जब इस वार्षिक रथ यात्रा का आयोजन नहीं किया जाएगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक आखिरी बार 284 साल पहले 1733 से 1735 के बीच रथ यात्रा नहीं हो सकी थी, क्योंकि उस वक्त तकी खान ने पवित्र मंदिर पर हमला किया था और मूर्तियों को किसी और स्थान पर रखना पड़ा था,
कोरोना के कारण पहले ही ईस्टर और ईद जैसे त्योहारों की चमक इस साल फीकी पड़ गई. वहीं आने वाले दिनों में महाराष्ट्र समेत देशभर में 9 दिनों के गणेशोत्सव का आयोजन भी होना है, लेकिन देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए इस त्योहार पर भी असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है.
देश में मुंबई समेत पूरा महाराष्ट्र सबसे प्रभावित राज्य है, जहां संक्रमितों की संख्या 1 लाख से ज्यादा हो चुकी है जबकि 5 हजार से ज्यादा की मौत हो चुकी है.
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