मुंबई: शिवसेना ने शुक्रवार को महाराष्ट्र से बीजेपी विधायक राम कदम के लड़की का अपहरण करने को लेकर दिए विवादित बयान के लिए उनकी तुलना 13वीं सदी के दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी से की है. इसके साथ ही उनकी इस टिप्पणी पर पार्टी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया. कदम ने युवाओं से कहा था कि उन्हें जो लड़की पसंद हो वे उसका अपहरण करवा लेंगे.


शिवसेना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन तलाक के मामले में मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने की बात करते हैं जबकि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी के विधायक राज्य की महिलाओं के बीच डर पैदा कर रहे हैं.


शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में एक संपादकीय में कहा, ''रानी पद्मावती ने अपने सम्मान, प्रतिष्ठा और धर्म की रक्षा करने के लिए अन्य हजारों राजपूत महिलाओं के साथ जौहर किया था. अलाउद्दीन खिलजी और उसके उत्पीड़न के खिलाफ उनका जौहर अब भी भारत में महिलाओं के लिए प्रेरणादायक है लेकिन ऐसा दिख रहा है कि महाराष्ट्र में महिलाओं के लिए बीजेपी के खिलजी के खिलाफ जौहर करने का समय आ गया है.''


संपादकीय में पूछा गया है, ''मुख्यमंत्री के अजीज बीजेपी विधायक राम कदम ने महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक शब्द कहे जो उनके अहंकार को दिखाता है. उन्होंने कहा बस मुझे उस लड़की का नाम बताइये जिसे आप पसंद करते हो और मैं उसे अगवा कर लूंगा और आपको सौंप दूंगा. महाराष्ट्र में किस तरह की आनंदभोगी संस्कृति पनप चुकी है?''


उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने आरोप लगाया कि बीजेपी ऐसे लोगों को पाल पोस रही है जो महिलाओं, किसानों और सैनिकों की पत्नियों के बारे में गलत बोल रहे हैं. ऐसे लोगों को छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम लेने और राज्य में शासन करने का कोई अधिकार नहीं है.


शिवसेना ने कहा, बीजेपी राज्य के युवाओं को किस तरह का संदेश दे रही है? क्या पार्टी का हिंदुत्व और उसकी संस्कृति यही है? अगर आप चुनाव जीतने के लालच में अपने आप पर गंदगी मलते है तो यह होगा ही. पिछले पांच सालों में जो बोया गया वही अब काटा जा रहा है. भगवान कृष्ण महिलाओं के रक्षक थे लेकिन विडंबना यह है कि उनके जन्मदिवस पर बीजेपी विधायक ने महिला विरोधी टिप्पणी की.


शिवसेना ने कहा कि आम तौर पर महिलाओं के अधिकारों के बारे में बात करने वाली केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस मुद्दे पर चुप्पी क्यों साध रखी है. पार्टी ने कहा कि अगर किसी कांग्रेस विधायक ने यह टिप्पणी की होती तो बीजेपी हंगामा कर देती और यहां तक कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ भी बोलती.