रांचीः कोरोना और लॉकडाउन ने हमें न जाने कितनी ऐसी तस्वीरें दिखाई जिन्हें देखकर हमें आश्चर्य भी हुआ और तकलीफ भी हुई. कभी आपने मजदूरों को हजारों किलोमीटर की यात्रा पैदल,साईकिल और ट्रकों में भरकर करते हुए देखा तो कभी मजदूरों को एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलते हुए देखा. माना जा सकता है कि ऐसा हम सभी के जीवन में पहला अनुभव रहा होगा.


गुरुवार को भी एक ऐसी ही तस्वीर झारखंड की राजधानी रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर दिखी जिसमें हवाई चप्पल पहले मजदूर एयरपोर्ट के आगमन गेट से बाहर निकल रहे थे. दरअसल ये मजदूर महाराष्ट्र के मुंबई से एक स्पेशल चार्टर विमान के जरिये रांची लाये गए थे. इस विमान से कुल 180 लोगों को मुंबई से रांची भेजा गया जिसमें मजदूर, कामगार, बच्चे, और महिलाएं शामिल थीं.


बताया जा रहा है कि इन लोगों को मुंबई से स्पेशल विमान के जरिये रांची भेजने का जो खर्च था वो नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बेंगलुरु के पुराने छात्रों और कुछ संगठनों ने मिलकर उठाया है. हालांकि राँची पहुंचने के बाद स्वास्थ्य जांच, खाने का पैकेट देना और लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने का काम झारखंड सरकार की तरफ से किया गया है.


इससे पहले भी कोरोना काल में मजदूरों को लेकर देश की पहली ट्रेन भी लिंगमपल्ली से रांची के हटिया रेलवे स्टेशन आई थी और मजदूरों के लिए पहला हवाई जहाज भी मुंबई से रांची आया है.


एबीपी न्यूज़ ने जब इस हवाई जहाज से आये हुए लोगों से बात की तो पता चला कि कोई मुंबई में बाई का काम करती हैं तो कोई बिल्डिंग बनाने में मजदूरी करता है तो वहीं कोई सिलाई का काम करता है.


लॉकडाउन के बाद सभी की आमदनी बंद हो गई थी और हालत ऐसी थी कि खाने तक के लिए भी पैसे नहीं थे. इस बीच कुछ लोगों ने संपर्क किया और कहा कि हवाई जहाज से घर भेजा जाएगा, सुनकर यकीन नहीं हुआ लेकिन आज घर पहुंचकर कैसा महसूस कर रहे हैं बता भी नहीं सकते हैं. पहली बार हवाई यात्रा करने का और घर पहुचने की खुशी भी साफ दिख रही थी.


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