महिला शक्ति की नई उड़ान, पहली बार नक्सलियों से लोहा लेने वाली सीआरपीएफ की कोबरा यूनिट में महिला कमांडो शामिल
सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स ने आज महिला शक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 34 महिला कमांडो को स्पेशल यूनिट में शामिल किया है. यह कोबरा नाम की स्पेशल यूनिट नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात की जाती है. इसके साथ ही सीआरपीएफ को आज पहला महिला मिलिट्री-ब्रास बैंड भी मिला.
सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) की नक्सलियो के खिलाफ जंगल-वॉरफेयर में निपुण स्पेशल कोबरा कमांडो यूनिट में पहली बार महिला कमांडो शामिल हुई. इनको ट्रेनिंग देकर नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों में भेजा जाएगा. वहीं आज सीआरपीएफ ने पहली बार अपना महिला मिलिट्री-ब्रास बैंड भी तैयार किया है.
सीआरपीएफ के अनुसार, 88वीं ऑल वुमेन बटालियन राइजिंग डे के अवसर पर इन महिला कमांडो को महिला ब्रास बैंड के इंट्रोडेक्शन के साथ शामिल किया गया है जो सीआरपीएफ को एक महिला ब्रास बैंड वाली पहली फोर्स बनाएगा.सीआरपीएफ की महिलाकर्मियों ब्रास बैंड का गठन के बाद म्यूजिकल इंसट्रुमेंट्स की स्किल के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी. बल के पास पहले से ही एक ऑल वुमेन पाइप बैंड है.
3 महीने की कड़ी ट्रेनिंग दी जाएगी सीआरपीएफ ने कहा, "सीआरपीएफ ने 88वीं ऑल वुमेन बटालियन के समारोहों में महिला कमांडो को शामिल करके महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक और कदम उठाया है. विशेष रूप से सीआरपीएफ की 88वीं महिला बटालियन को दुनिया की पहली ऑल वुमेन बटालियन होने का गौरव मिला है.गुरूग्राम स्थित कादरपुर सेंटर में हुए प्रोग्राम में कुल 34 महिला कमांडो की एक प्लाटून कोबरा यूनिट में शामिल हुई है. इन्हें 3 महीने की कड़ी कोबरा प्री-इंडक्शन ट्रेनिंग दी जाएगी. इन कमांडो का प्रशिक्षण फायरिंग और विशेष हथियारों, सामरिक योजना, फील्डक्राफ्ट, विस्फोटक, और जंगल में सरवाइवल स्किल के अगले लेवल की ट्रेनिंग उनकी शारीरिक क्षमताओं और सामरिक कौशल को सुदृढ़ करगी.ट्रेनिंग के पूरा होने के बाद इन महिला योद्धाओं के बैच को उनके काउंटरपार्ट पुरुष के साथ एलडब्ल्यूई एरिया में तैनात किया जाएगा.
सीआरपीएफ का रहा है गौरवशाली इतिहास सीआरपीएफ के महानिदेशक एपी माहेश्वरी ने इस अवसर पर कहा कि सीआरफीएफ का सशक्त महिला योद्धाओं का इतिहास है. फोर्स ने संयुक्त राष्ट्र के कई शांति अभियानों में भारत और विदेश में वीरता से देश को गौरवान्वित किया है. जेंडर न्यूट्रलिटी बल की विविधता को बढ़ाती है, सशक्त महिलाएं एक सशक्त परिवार बनाती हैं जो अंततः राष्ट्र को सशक्त बनाता है.
यह भी पढ़ें
Farmers Protest: चक्का जाम को लेकर दिल्ली में चप्पे-चप्पे पर पहरा, देखिए सरकार की तैयारी की Pics
किसानों के समर्थन में 75 पूर्व नौकरशाहों का खुला पत्र, कहा- शुरू से टकराव भरा रहा सरकार का रवैया