नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार को कहा कि सशस्त्र बलों को देश की सीमाओं पर युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि सेना को तुरंत हाईटेक टेक्नॉलजी मुहैया कराई जानी चाहिए.


भारत के सामने पारंपरिक और गैरपारंपरिक युद्ध के खतरे सामने आते रहेंगे: आर्मी चीफ


जनरल रावत ने कहा कि सैन्य उपकरणों की खरीद के लिए परीक्षण प्रक्रिया ज्यादा समय तक लटकी न रहे और यह सुनिश्चित करने के लिए उचित ध्यान दिया जाना चाहिए. सेना प्रमुख ने किसी देश का नाम लिए बिना कहा कि भारत के सामने पारंपरिक और गैर परंपरागत युद्ध के खतरे आते रहेंग. ऐसे में सशस्त्र बलों को ऐसी किसी भी चुनौती से निबटने के लिए तैयार रहना होगा.


सरकार सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध: सुभाष ब्रह्मा


जनरल रावत ने सैन्य संचार पर दो दिवसीय सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘सशस्त्र बलों को सीमा पर परांपरागत युद्ध के लिए तैयार रहना होगा. रक्षा राज्य मंत्री सुभाष ब्रह्मा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और सूचना प्रौद्योगिकी उसकी ताकत को बढ़ाने का काम कर सकती है.


आर्मी चीफ ने सशस्त्र बलों को आधुनिक तकनीक अपनाने की जरूरत पर जोर दिया


जनरल रावत ने सशस्त्र बलों के लिए बिना देर किए आधुनिक तकनीक अपनाने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हमें सशस्त्र बलों के लिए सही तकनीक की पहचान करनी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि परीक्षण प्रक्रिया ज्यादी लंबी नहीं हो. उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के लिए संचार प्रौद्योगिकी सामान्य, हल्की और रख रखाव में आसान हो क्योंकि सीमा पर युद्ध के दौरान इसकी जरूरत होगी.


सेमिनार को संबोधित करते हुए सीआईआई के चंद्रजीत बैनर्जी ने सरकार और रक्षा उद्योग के बीच रक्षा उत्पादों की सामरिक साक्षेदारी के लिए जल्दी अधिसूचना जारी करने पर जोर दिया.