विदेशी कंपनियों को ई-कॉमर्स पर अब देना होगा 2% ज्यादा टैक्स, CAIT ने किया फैसले का स्वागत
संसद में पेश किए गए बजट में विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों पर 2 फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगाने का फैसला लिया गया था. कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इस पर केंद्रीय बजट प्रस्ताव का स्वागत किया है.
नई दिल्लीः कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों पर 2 फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगाने के केंद्रीय बजट प्रस्ताव का स्वागत किया है. इस प्रस्ताव के तहत चाहें विदेशी कंपनियां माल की बिक्री के कारोबार में लगी हों या सेवाएं दे रही हों अब उन्हें 2 फीसदी ज्यादा टैक्स देना होगा.
कैट के अनुसार, बजट प्रस्ताव में यह भी स्पष्ट किया गया है कि ये प्रावधान माल की बिक्री पर भी लागू होगा फिर चाहे माल देने वाला ई-कॉमर्स पोर्टल का मालिक ही क्यों न हो. इसके अलावा ई-कॉमर्स के जरिए सेवाओं के प्रावधानों पर भी ये लागू होगा, बावजूद इसके कि सेवा प्रदाता खुद ई-कॉमर्स ऑपरेटर हो.
इस प्रावधान को बजट में वित्त अधिनियम 2016 की धारा 163 उप खंड (3), धारा 164 खंड (सीबी), धारा 165 उप खंड (3) और खंड (ख) में संशोधन का प्रस्ताव करके बनाया गया है. ये प्रावधान 1 अप्रैल 2020 की पिछली तारीख से लागू होंगे. केवल अमेजन और फ्लिपकार्ट ही नहीं, बल्कि गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, जूम और अन्य ऐसी विदेशी कंपनियां, जो किसी भी ऑनलाइन माध्यम से सामानों की बिक्री या सेवाएं प्रदान करने में लगी हुई हैं, इस प्रावधान के दायरे में आएंगी और उन्हें 1 अप्रैल 2020 से 2 फीसदी अतिरिक्त कर का भुगतान करना होगा.
व्यापारियों ने इस फैसले का स्वागत किया
सरकार का यह एक बड़ा और साहसिक कदम है, जिसका देशभर के व्यापारियों ने स्वागत किया है. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा, "प्रस्ताव 'माल की ऑनलाइन बिक्री' और 'सेवाओं के ऑनलाइन प्रावधान' की परिभाषा का विस्तार करता है, ई कॉमर्स को लेकर सभी भ्रम दूर हो जाएंगे और ये भारत ई कॉमर्स को नई सिरे से परिभाषित करेगा."
उन्होंने कहा, "हम इस प्रावधान का स्वागत करते हैं. अमेजन, वॉलमार्ट आदि ने देश के कानूनों के साथ खिलवाड़ किया है, जिसमें फेमा और एफडीआई पॉलिसी का बड़े पैमाने पर उल्लंघन भी शामिल है, हमें उम्मीद है कि प्रस्तावित प्रावधान का कड़ाई से अनुपालन होगा और यूएसबीसी जैसे लॉबी संगठनों के भारत के आंतरिक मामलों में दखल को रोका जा सकेगा."
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