Prayagraj Maha Kumbh 2025: 'भारत को लेकर बहुत सम्मान', महाकुंभ में स्नान के बाद बोली रशियन
Mahakumbh Mela 2025: महाकुंभ मेला 2025 की शुरुआत हो चुकी है, इस मेले में विदेशी श्रद्धालु भी हिस्सा ले रहे हैं और उनकी प्रतिक्रियाएं भारतीय संस्कृति और कुम्भ के महत्व को लेकर बहुत दिलचस्प हैं.
Foreign Devotees at Kumbh Mela: महाकुंभ मेला 2025 का आगाज हो चुका है और इस बार श्रद्धालु देश-विदेश से गंगा स्नान के लिए आ रहे हैं. मेला क्षेत्र में विश्वभर से लोग पहुंच चुके हैं और यहां की धार्मिक और सांस्कृतिक महिमा को महसूस कर रहे हैं. इस बीच कुंभ मेला में शामिल होने आईं विदेशी महिलाओं के अनुभव दिलचस्प और प्रेरणादायक रहे हैं, जिन्होंने भारतीय संस्कृति और गंगा स्नान को लेकर अपने विचार व्यक्त किए.
रूस से आई एक महिला श्रद्धालु ने कुंभ मेले में गंगा स्नान के बाद अपनी भावनाओं का इजहार किया. उन्होंने कहा "मैं रूस से आई हूं, लेकिन मैं ऑस्ट्रिया से फ्लाइट से यहां आई थी. मैं यूरोप में काम करती हूं और भारत को लेकर मेरे मन में बहुत सम्मान है. ये मेरा कुंभ मेला में पहला अनुभव है और यह बहुत बड़ा मेला है इसलिए हम यहां आने के लिए बहुत एक्साइटेड थे. उन्होंने ये भी कहा कि यहां आकर मुझे भारत का असली रूप देखने को मिला और भारतीय लोग जो ऊर्जा और शक्ति रखते हैं वह बहुत प्रेरणादायक है. यहां हजारों लोग एक साथ हैं और यहां की ऊर्जा मुझे शेक कर रही है ये अनुभव शब्दों में नहीं बताया जा सकता."
विदेशी महिला श्रद्धालु ने गंगा स्नान के बाद क्या कहा?
एक और विदेशी महिला श्रद्धालु ने गंगा स्नान के बाद अपने अनुभव को शेयर करते हुए कहा "यह बहुत शक्तिशाली अनुभव है, मैं बहुत धन्य महसूस कर रही हूं कि मुझे गंगा में स्नान करने का अवसर मिला. यहां आकर मां गंगा, यमुनाजी और सरस्वती मां को देखना बहुत खूबसूरत था. ये एक आशीर्वाद है. इस मेले का आयोजन बहुत अच्छा है सड़कें साफ-सुथरी हैं और लोग बहुत मिलनसार हैं". साथ ही उन्होंने भारत के सम्मान में "मेरा भारत महान" के नारे भी लगाए.
कुंभ मेला विदेशी श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक अनुभव
इन विदेशी महिलाओं के अनुभव से ये साफ जाहिर होता है कि कुंभ मेला और गंगा स्नान केवल भारतियों के लिए नहीं बल्कि विदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी एक अद्भुत और आध्यात्मिक अनुभव बन रहा है. कुंभ मेला न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि ये भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक भी है. विदेशों से आने वाले श्रद्धालु यहां की पवित्रता और धार्मिक महिमा से बहुत प्रभावित हैं.