चीन के साथ पूर्वी लद्दाख से लगते वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अब तनाव धीरे-धीरे कम हो रहा है. पैंगोंग त्सो लेक के उत्तर और दक्षिण तट के पास ‘डिसइंगेजमेंट’ (सैनिकों की वापसी) पूरा हो चुका है. इस बीच भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर की उनके चीनी समकक्षीय विदेश मंत्री वांग यी के साथ गुरुवार को करीब डेढ़ घंटे तक बातचीत हुई.


विदेश मंत्रालय की तरफ से शुक्रवार को कहा गया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच कल दोपहर बाद करीब डेढ़ घंटे तक फोन पर बात हुई. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने पूर्वी लद्दाख से लगते एलएसी के हालात और भारत-चीन से संबंधित अन्य मुद्दों पर चर्चा की.





विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों ने कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से बातचीत को बनाए रखा.  इसकी वजह से हालात बेहतर हुआ है और दोनों पक्ष इस महीने की शुरुआत में सफलतापूर्वक पैंगोंग त्सो झील के आसपास सैनिकों की वापसी करने में सफलता मिली.


जयशंकर ने कहा- शांत, भाईचारे पर पड़ा बुरा असर


बयान में आगे कहा गया- विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान द्विपक्षीय संबंधों पर इसका बुरी तरह से असर पड़ा है. जयशंकर ने आगे कहा कि सीमा विवाद के समाधान में लंबा समय लग सकता है लेकिन हिंसा के चलते शांति और भाईचारे के संबंध पर बुरा असर रहेगा. जयशंकर ने कहा कि जैसे ही एक बार सभी संघर्ष वाली जगहों से सैनिकों की वापसी हो जाती है उसके बाद दोनों पक्षों की तरफ से उस इलाके की सीमा पर सैनिकों को कम करने और शांति व भाईचारे की फिर से बहाली की दिशा में काम किया जाएगा.


गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच पिछले साल पांच मई में पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक संघर्ष के बाद सैन्य गतिरोध शुरू हुआ था. इसके बाद भारत और चीन ने बड़ी संख्या में जवानों और हथियारों की तैनाती की. हालांकि पिछले दिनों भारत और चीन में गतिरोध खत्म करने के लिए सहमति बनी. इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं ने ऊंचाई वाले क्षेत्र में स्थित पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से सैनिकों और हथियारों को पीछे ले गए. डिसइंगेजमेंट के दूसरे चरण के लिए पिछले दिनों भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की बैठक हुई. 10वें दौर की बैठक में भारत ने तनाव कम करने के लिए हॉट स्प्रिंग्स, गोग्रा और डेपसांग क्षेत्रों से सैनिकों की जल्द वापसी पर जोर दिया. हालांकि जानकार मानते हैं कि डेपसांग प्लेन में डिसइंगेजमेंट आसान नहीं है.

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