(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jaishankar on China: 'पश्चिमी मुल्क बुरे नहीं हैं', जयशंकर के इस बयान से क्यों चीन को लग सकती है मिर्ची?
S Jaishankar on Western Countries: विदेश मंत्री एस जयशंकर अक्सर ही चीन को अपने निशाने पर लेते रहते हैं. चीन की हरकतों की वजह से उन्होंने कुछ ऐसा कहा है, जिसे आपको जानना चाहिए.
S Jaishankar News: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर से चीन को उसकी हद बताई है. उन्होंने चीन पर तंज कसते हुए कुछ ऐसा कहा है, जिसे जानकर बीजिंग को मिर्ची लग जाएगी. जयशंकर ने कहा कि पश्चिमी मुल्क 'बुरे' नहीं हैं, क्योंकि वे एशियाई या अफ्रीकी मुल्कों के बाजारों में अपना सामान बेतहाशा ढंग से नहीं पहुंचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें पश्चिमी मुल्कों को लेकर बने इस नकारात्मक रवैये वाले सिंड्रोम से उबरने की जरूरत है.
विदेश मंत्री जयशंकर रविवार को केरल पहुंचे. वह राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम में 'पीएम विश्वकर्मा' योजना के लॉन्च के कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने एक मलयालम न्यूज चैनल एशियानेट को इंटरव्यू दिया. इसमें उन्होंने अफ्रीका और एशिया के बाजारों में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर बात की. उन्होंने बताया कि किस तरह से चीन बड़ी मात्रा में अपना सामान इन बाजारों में पहुंचा रहा है, जिसकी वजह से अर्थव्यवस्थाओं पर असर पड़ रहा है.
विदेश मंत्री ने चीन पर क्या कहा?
जयशंकर ने कहा, 'एशिया और अफ्रीका के बाजारों में बड़े पैमानों पर सामान भरने वाले पश्चिमी मुल्क नहीं हैं. मुझे लगता है कि हमें अतीत के इस सिंड्रोम से उबरने की जरूरत है कि पश्चिमी मुल्क बुरे हैं और दूसरी तरफ विकासशील देश हैं. दुनिया जितनी ज्यादा जटिल है, उससे ज्यादा समस्याएं जटिल हैं.' पूर्व भारतीय राजनयिक टीपी श्रीनिवासन को दिए इंटरव्यू में जयशंकर ने चीन का नाम नहीं लिए बिना ही उस पर हमला बोला.
उन्होंने कहा कि आज एक मजबूत विश्वास की जरूरत है. पिछले 15-20 सालों में वैश्वीकरण की वजह से असमानता देखने को मिली है, क्योंकि कई देशों ने देखा है कि उनके यहां के प्रोडक्ट्स, मैन्युफेक्चरिंग और रोजगार पर जबरदस्त दबाव पड़ा है. इसकी वजह ये रही है कि सस्ते सामानों को उनके बाजारों तक पहुंचाया गया है. जयशंकर का ये बयान कहीं न कहीं चीन के व्यापार और आर्थिक नीतियों की तरफ एक इशारा था.
इंटरव्यू के दौरान सवाल किया गया कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने नहीं आए. चीन नहीं चाहता है कि भारत ग्लोबल साउथ का नेता बने. इस सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि अभी तक जितनी भी वजहें बताई गई हैं, वे सभी अटकलें हैं.
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