कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका के पास कैसे गया? विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया, कांग्रेस-DMK पर साधा निशाना
Katchatheevu Issue: श्रीलंका को कच्चातिवु द्वीप देने के मामले में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार (1 अप्रैल, 2024) को कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्रियों को भारतीय हित की चिंता नहीं थी.
Katchatheevu Issue: श्रीलंका को कच्चातिवु द्वीप देने के मुद्दे को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार (1 अप्रैल, 2024) को प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि कच्चातिवु का मुद्दा अचानक सामने नहीं आया, यह एक जीवंत मुद्दा है, संसद में अक्सर इस पर बहस की जाती है.
एस जयशंकर ने कांग्रेस और डीएमके पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों ने कच्चातिवु मुद्दे पर ऐसा रुख अपनाया है जैसे उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है. उन्होंने कहा, ''तमिलनाडू के सीएम एमके स्टालिन ने मुझे कई बार लिखा है. यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है जो अचानक आ गया है. मैंने 21 बार इस मसले पर उनका (एमके स्टालिन) जवाब दिया है.''
एस जयशंकर ने क्या कहा?
जयशंकर ने कहा, ''कच्चातिवु द्वीप के मामले को आप पूरी तरह से नहीं जानते होंगे. मेरा कहना है कि ये मुद्दा क्यों बना और क्यों प्रांसगिक है. भारत और श्रीलंका ने 1974 में समझौता किया. मैरीटाइम सीमा के हुए इस समझौते में कच्चातिवु श्रीलंका के पास चला गया.''
#WATCH | EAM Dr S Jaishankar addresses a press conference explaining the relevance of the Katchatheevu issue today
— ANI (@ANI) April 1, 2024
"in 1974, India & Sri Lanka concluded an agreement where they drew a maritime boundary, and in drawing the maritime boundary Katchatheevu was put on the Srilankan… pic.twitter.com/MHpzQWsMAZ
उन्होंने दावा किया कि इससे भारतीय मुछआरों के हितों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. पिछले 20 सालों में 6 हजार 184 भारतीय मछुआरों को श्रीलंका हिरासत में ले चुका है. तत्कालीन प्रधानमंत्रियों ने भारतीय क्षेत्र के प्रति उदासीनता दिखायी, उन्हें कोई परवाह ही नहीं थी.
दरअसल, तमिलनाडु बीजेपी क अध्यक्ष के.अन्नामलाई ने कथित तौर पर सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत नेहरू युग के आधिकारिक ‘फाइल नोटिंग’का जिक्र करते हुए आरोप लगाया है कि पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू श्रीलंका को कच्चातिवु द्वीप देने के इच्छुक थे. इसको लेकर ही बीजेपी और कांग्रेस में बयानबाजी शुरू हो गई है. पीएम मोदी ने भी इसको लेकर निशाना साधा था.
पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने रविवार (31 मार्च, 2024) को कांग्रेस पर हमले करते हुए आरोप लगाया कि कच्चातिवु द्वीप को फालतू बताकर कांग्रेस ने मां भारती का एक अंग काट दिया था.
उन्होंने कहा, ''शौर्य की इस धरती से आज मैं पूरे देश को बताना चाहता हूं कि कैसे कांग्रेस और इंडी गठबंधन देश की अखंडता एवं देश की एकता को तोड़ते रहे हैं. आज ही कांग्रेस का एक और देश विरोधी कारनामा देश के सामने आया है.'' इस बयान को लेकर डीएमके और कांग्रेस ने पलटवार किया था.
डीएमके और कांग्रेस क्या बोली?
डीएमके के संगठन सचिव आर एस भारती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास दिखाने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है. डीएमके ने द्वीप को 1974 में श्रीलंका को दिये जाने का विरोध किया था. वहीं कांग्रेस ने कहा कि पीएम मोदी चीन की घुसपैठ’ पर जवाब दें.
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