S Jaishankar On India-China Border Row: विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा कि चीन ने सीमा मुद्दों पर भारत के साथ हुए समझौतों का पालन नहीं किया है. जयशंकर ने कहा कि चीन ने एलएसी (LAC) पर एकतरफा बदलाव की कोशिश की. उन्होंने कहा कि इसी वजह से दोनो पड़ोसियों के बीच तनावपूर्ण स्थिति है. विदेश मंत्री जयशंकर इन दिनों ऑस्ट्रिया के दौरे पर हैं. उन्होंने सोमवार (2 जनवरी) को ऑस्ट्रिया के राष्ट्रीय प्रसारक ओआरएफ (ORF) को इंटरव्यू दिया था. इंटरव्यू में जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सुरक्षा बल नहीं रखने को लेकर समझौते हुए हैं.


उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि हालांकि चीन ने उन समझौतों का पालन नहीं किया, और यही वजह है कि हमारे बीच वर्तमान में तनावपूर्ण स्थिति है. जयशंकर ने कहा, 'हमारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को एकतरफा ढंग से नहीं बदलने का समझौता था, जिसे चीन ने एकतरफा ढंग से बदलने की कोशिश की है.'


अगर चीन भी यह कहे कि भारत ने समझौतों का पालन नहीं किया तो क्या होगा, इस सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि बीजिंग के लिए यह कहना मुश्किल है क्योंकि 'रिकॉर्ड बहुत साफ हैं.'


सीमा समझौता के सवाल पर जयशंकर का जवाब


जयशंकर ने कहा कि चीन के लिए ये कहना मुश्किल होगा की भारत ने समझौते का पालन नहीं किया. चीन भारत को सीमा समझौता के लिए दोषी ठहरा सकता है लेकिन सेटलाइट इमेज (satellite images) साफ-साफ दिखा सकते हैं कि गलती किसकी है. उन्होंने कहा कि सेटलाइट इमेज से आप साफ देख सकते हैं कि सीमा क्षेत्रों में सेना को सबसे पहले किसने  भेजा.


विदेश मंत्री ने कहा कि मझे लगता है कि रिकॉर्ड बहुत साफ है. इसलिए, आपने जो कहा, वह चीन के लिए कहना बहुत मुश्किल है. भारतीय सेना के अनुसार, 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक एलएसी (LAC) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी जिसमें दोनों पक्षों के कुछ कर्मियों को मामूली चोटें आईं.


जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद से भारत और चीन की सेनाओं के बीच यह पहली बड़ी झड़प थी. दोनों देशों के बीच सीमा गतिरोध को सुलझाने के लिए बातचीत हो चुकी है. जयशंकर दो देशों की यात्रा के दूसरे चरण में साइप्रस से ऑस्ट्रिया पहुंचे. यह पिछले 27 वर्षों में भारत से ऑस्ट्रिया की पहली विदेश मंत्री स्तर की यात्रा है, और यह 2023 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष होने की पृष्ठभूमि में हुई है.


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