अमेरिकी पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से हुई विदेश मंत्री एस जयशंकर की बातचीत, कहा- आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता भारत
हूवर इंस्टीट्यूशन की ओर से आयोजित ‘भारत: रणनीतिक भागीदारी के लिए अवसर और चुनौतियां’ विषय पर संवाद सत्र का आयोजन किया गया. इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जनरल एच आर मैकमास्टर के साथ बातचीत करते हुए कहा कि भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं कर सकता और ना ही कूटनीति के रूप में इसे जायज बता सकता है.
न्यूयॉर्कः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जनरल एच आर मैकमास्टर के साथ बातचीत के दौरान आतंकवाद पर भारत की मंशा साफ की है. उनका कहना है कि भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं कर सकता और ना ही कूटनीति के रूप में इसे जायज बता सकता है. उन्होंने भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच संघर्ष विराम पर हालिया समझौते को ‘अच्छा कदम’ बताया लेकिन इंगित किया कि दोनों देशों के बीच कुछ बड़े मुद्दे बाकी हैं.
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ‘‘एक ना एक दिन दोनों पड़ोसियों को रास्ते तलाशने होंगे. यह सवाल नहीं है कि क्या हम एक साथ रह सकते हैं.’’ जयशंकर ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जनरल एच आर मैकमास्टर के साथ बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जनरल एच आर मैकमास्टर के साथ बातचीत में जयशंकर ने यह भी कहा कि महामारी की वजह से भारत इस समय बहुत तनावपूर्ण दौर से गुजर रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘हम वास्तव में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में भोजन दे रहे हैं. पिछले साल कई महीने तक दिया और दूसरी लहर आने के बाद इस समय फिर से दे रहे हैं. हमने 40 करोड़ लोगों के बैंक खातों में पैसा डाला है.’’
हूवर इंस्टीट्यूशन की ओर से आयोजित ‘भारत: रणनीतिक भागीदारी के लिए अवसर और चुनौतियां’ विषय पर संवाद सत्र का आयोजन किया गया. कोरोना वायरस की स्थिति पर विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया के एक हिस्से का टीकाकरण होना और एक हिस्से का नहीं होना, किसी के लिए भी सुरक्षित नहीं होगा. उन्होंने कहा कि अगर बड़े देश हर चीज को नजरअंदाज कर अपने-अपने राष्ट्रीय हितों पर ध्यान देंगे तो दुनिया में ‘‘बड़ी समस्या’’ पैदा होगी.
इस दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से कई बार सीज फायर का उल्लंघन किया जा चुका है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ऐसा तब हुआ जब कुछ ही हफ्तों पहले दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशक के बीच एक समझौता हुआ था कि वह नियंत्रण रेखा के पार एक-दूसरे पर गोलियां नहीं चलाएंगे.
बता दें कि भारत और पाकिस्तान की सेनाओं ने 25 फरवरी को एक आश्चर्यजनक घोषणा करते हुए कहा था कि वे जम्मू-कश्मीर और अन्य क्षेत्रों में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम पर सभी समझौतों का सख्ती से पालन करने पर सहमत हुए हैं. वहीं 2016 में पठानकोट एयर फ़ोर्स बेस पर पाकिस्तान के आतंकी समूहों की ओर से किए गए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में दरार आ गई है. उरी में भारतीय सेना के शिविर पर हुए एक आतंकी हमले दोनों देशों के रिश्ते को और खराब कर दिया है.
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