विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने सोमवार (7 अगस्त) को कहा कि भारत अपना सीमाई इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से बढ़ा रहा है और पिछली सरकार के मुकाबले 2014 के बाद अब तक 400 गुणा तक का इजाफा हुआ है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'जिसको आना था वो 2014 के पहले आ गए, उसके बाद जब से सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर करना शुरू किया गया तो चुनौती देना बढ़ा है, चीन के गश्ती पेट्रोल आते हैं तो उनका सामना भारतीय पेट्रोल पार्टी से होता है, 2014 के बाद से सीमा पर सेना और वायुसेना के डिप्लॉयमेंट की रफ्तार में यकीनन तेजी आई है.'
एस.जयशंकर ने कहा, 2008 में 3200 करोड़ था इंफ्रास्ट्रक्चर का बजट
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हमने सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर को अधिक तेजी से बढाया है. उन्होंने बताया, 'सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर का बजट 2008 में 3200 करोड़ था, आज 14387 करोड़ बजट है. 2014 से 2022 तक 6800 किमी सड़क बनाई है. 2008 से 2014 तक 3600 किमी सड़क बनाई गई थी.' एस. जयशंकर ने आगे बताया,' बूमलिंगला में देमचौक के करीब दुनिया की सबसे ऊंची सड़क बनाई 19 हजार फुट की ऊंचाई पर बनाई गई है, जोजीला पास को भी चालू किया गया है, अति महत्वपूर्ण 16 पास आज कहीं अधिक बेहतर स्थिति में हैं जो लद्दाख इलाके में कनेक्टिविटी के लिए बेहद जरूरी हैं, 1800 किमी सड़क 30 हजार करोड़ की लागत से हम अरुणाचल प्रदेश में इंटर वैली कनेक्टिविटी के लिए तैयार कर रहे हैं, चुशुल से देमचौक की सड़कों पर भी हमने काम शुरू कर दिया है और इस पैट काम तेजी से चल रहा है.'
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा कि चीन सीमा के मामले पर जो कहते हैं कि हम सबसे मजबूती से इस मुद्दे को उठा रहे हैं, मगर इस बात के मायने नहीं हैं कि आप कितनी जोर से बोलते हैं और किस भाषा में बोलते हैं बल्कि यह अहमियत रखता है कि आप कितनी दृढ़ता से अपनी बात रखते हैं और जमीन पर स्थिति कैसे बनाई गई है, कितना इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया उसके लिए कितना धन दिया गया.
मानसरोवर यात्रा को लेकर भी बताया
विदेश मंत्री ने कहा, 'सीमावर्ती गांवों के अंतिम हिस्से के जीवन को बेहतर बनाने के लिए बुनियादी ढांचा महत्वपूर्ण है, चीन में सीमावर्ती गांवों की संख्या बड़ी है, हम भी वाइब्रेंट गांव बना रहे हैं, प्रत्येक कैबिनेट मंत्री दौरा कर रहे हैं और पीएम को रिपोर्ट सौंपी गई है. मानसरोवर यात्रा जो कि कोविड काल में रोकी गई थी, अब तक इसे शुरू करने को लेकर चीन की सरकार की ओर से कुछ नहीं कहा गया है हमें चीन के जवाब का इंतजार है.'