India-Pak Relation: पाकिस्तान में इमरान सरकार के जाने और शाहबाज़ शरीफ़ (Shehbaz Sharif) सरकार के आने के बाद पहली बार भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्री मिले हैं. भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (S Jaishankar) और पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto Zardari) की एससीओ विदेश मंत्रियों के सम्मेलन (SCO Summit) के दौरान उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) में मुलाकात हुई. 


एबीपी न्यूज़ को भारत सरकार के सूत्रों ने ये बात कंफर्म की है कि उज्बेकिस्तान में एससीओ सम्मेलन के दौरान भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की एक दूसरे से मुलाकात हुई. हालांकि सूत्रों ने ये भी स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई द्विपक्षीय प्रतिनिधिमंडल की वार्ता नहीं हुई. मगर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के बीच शिष्टाचार मुलाकात जरूर हुई और दोनों ने हाथ भी मिलाया. महत्वपूर्ण ये है कि उन्होंने एक-दूसरे की उपेक्षा नहीं करने का फैसला किया. क्योंकि पिछले कई मौकों पर भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्री एक-दूसरे को पूरी तरह से नजरअंदाज करते आए हैं.


दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने की कोशिश


सरकार के विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि भारत नेबर फर्स्ट की नीति के तहत पाकिस्तान से भी संबंध बेहतर करना चाहता है पर इसके लिए पाकिस्तान को माहौल भी बनाना चाहिए. भारत सरकार के सूत्रों का कहना है कि एक तरफ कई दफा पाकिस्तान के सेना प्रमुख या विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो कुछ सकारात्मक बात कहते भी देते हैं तो सरकार के दूसरे अंगों से विरोधाभासी बयान आ जाते हैं. सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार को ये जरूर लगता है कि मौजूदा शरीफ सरकार भारत के साथ संबंधों को और खासकर ट्रेड संबंधों को भी बेहतर करना चाहती है मगर इस सरकार के पास केवल साल भर ही है. 


क्या है शाहबाज़ शरीफ़ की मुश्किल?


उन्हें इस बात का भी डर होगा कि वो भारत के साथ संबंध सुधारने को दो कदम आगे बढ़ाए भी तो इमरान खान चुनावों को देखते हुए इसपर उन्हें आड़े हाथों लेंगे जो मौजूदा शाहबाज़ शरीफ़ सरकार के खिलाफ जा सकता है. ऐसे में भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में बेहतरी के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि पाकिस्तान की हुकूमत रिश्ते सुधारने की दिशा में कम से कम एक स्वर में बात करे और एक नीति सामने रखे. 


किस बात पर बनी है सहमति?


सूत्रों से मिली बड़ी खबर ये है कि भारत और पाकिस्तान में इस बात की सहमति जरूर बन गई है कि लोगों के बीच पीपल टू पीपल कान्टेक्ट एक बार फिर से बढ़ाया जाए और धार्मिक आवाजाही होने दी जाए. साथ ही दोनों देशों के जेलों में बंद कैदियों को भी रिहा कर वापस अपने-अपने मुल्क भेजा जाए. यही वजह है कि हाल में भारत और पाकिस्तान दोनों ने ही धार्मिक स्थलों के लिए काफी लोगों को वीजा दिए और एक दूसरे के जेलों में बंद कई कैदियों को भी रिहा किया. 


ज्वाइंट जुडिशियल कमिटी फिर से होगी शुरू


एबीपी न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक दोनों देशों के बीच जल्दी ही एक दूसरे के जेलों में बंद कैदियों से जाकर मिलने, उनके हालात जानने और उनकी मदद की मकसद से बने ज्वाइंट जुडिशियल कमिटी को एक फिर से कार्यान्वित किया जाएगा. इस बाबत दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बातचीत चल रही है. गौरतलब है कि रिश्तों में आई खटास की वजह से दोनों देशों के बीच ये व्यवस्था पिछले कुछ सालों से सक्रिय नहीं थी. भारत (India) सरकार के सूत्रों ने ये भी कहा कि जब से दोनों देशों की सेनाओं के बीच युद्धविराम के पालन को लेकर सख्ती से पालन पर नए सिरे से सहमति बनी है तब से सीमा पर पाकिस्तान (Pakistan) की ओर से उल्लंघन नहीं हुआ है, जो कि एक अच्छी बात है. 


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