नागरिकता कानून पर मलेशिया के पीएम का बयान विदेश मंत्रालय ने किया खारिज, नाराजगी जताई
विदेश मंत्रालय ने नाराजगी जताते हुए कहा, ''कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मलेशिया के प्रधानमंत्री ने फिर से भारत के आतंरिक मामले पर टिप्पणी की है. नागरिकता कानून तीन देशों से आए गैर नागरिकों की पहचान के लिए है.''
नई दिल्ली: नागरिकता कानून पर देश भर में बवाल मचा है. विदेश में भी इस कानून पर बहस हो रही है. मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने भी इस कानून को लेकर कुछ ऐसा बयान दे दिया है कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान पर सख्त ऐतराज जताया है. साथ ही अगली बार भारत के आंतरिक मामलों पर सोच-समझकर बोलने की सलाह भी दी है.
मलेशिया के पीएम महाथिर मोहम्मद ने कहा, ''मुझे ये देखकर दुख हो रहा है कि भारत जो धर्मनिरपेक्ष होने का दावा करता है, आज मुसलमानों से उनकी नागरिकता छीन रहा है. अगर हम ये कानून अपने यहां लागू करें तो मुझे नहीं पता कि क्या होगा. हर जगह अस्थिरता और अराजकता होगी जिससे सभी को जूझना होगा.'' महाथिर मोहम्मद ने कुआलालंपुर समिट 2019 के दौरान यह बयान दिया.
इस टिप्पणी को फौरन भारतीय विदेश मंत्रालय ने खारिज किया. विदेश मंत्रालय ने नाराजगी जताते हुए कहा, ''कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मलेशिया के प्रधानमंत्री ने फिर से भारत के आतंरिक मामले पर टिप्पणी की है. नागरिकता कानून तीन देशों से आए गैर नागरिकों की पहचान के लिए है.''
विदेश मंत्रालय ने कहा, ''नागरिकता कानून भारत के किसी भी नागरिक की नागरिकता को प्रभावित नहीं करता. ना ही किसी भी धर्म के भारतीय नागरिक के खिलाफ है. मलेशिया के प्रधानमंत्री का बयान तथ्यहीन है. हम उम्मीद करते हैं कि बिना तथ्य के मलेशिया भारत के किसी भी आतंरिक मामले पर भविष्य में बोलने से बचेगा.''
महाथिर मोहम्मद से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी UN में भाषण देते वक्त नागरिकता कानून पर ऊल जलूल की बातें की थीं. दुनिया के सबसे बड़े संगठन संयुक्त राष्ट्र ने नागरिकता कानून को भारत का अंदरूनी मामला बताते हुए किसी भी टिप्पणी से इनकार कर दिया था.