विदेश मंत्रालय ने कहा- कुलभूषण जाधव मामले में भारत कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है
विदेश मंत्रालय प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव के मुताबिक पाकिस्तान की तरफ से किया गया यह दावा कि कुलभूषण जाधव ने मृत्युदंड के फैसले पर समीक्षा याचिका दाखिल करने से इनकार किया, बीते चार सालों ले चल रहे फरेब की ही कड़ी है.
नई दिल्ली: पाकिस्तानी कैद में मौजूद भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को लेकर एक फिर भारत और पाकिस्तान आमने सामने हैं. भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह मौत की सजा पाए भारतीय कुलभूषण जाधव के मामले में कानूनी विकल्पों को टटोल रहा है. इससे एक दिन पहले पाकिस्तान ने दावा किया था कि जासूसी के आरोप में सैन्य अदालत से मौत की सजा पाए जाधव ने पुनर्विचार याचिका दायर करने से इनकार कर दिया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, “इस चरण में, हम अपने कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं. हम भारतीय नागरिक की जिंदगी बचाने के लिये पूरी कोशिश करेंगे.”
पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त जाधव को जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी. इसके कुछ हफ्तों बाद भारत ने जाधव को दूतावास पहुंच नहीं दिये जाने और उसे सुनाई गई मौत की सजा को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में अपील की थी. आईसीजे ने तब पाकिस्तान को सजा पर अमल करने से रोक दिया था.
हेग स्थित अदालत ने पिछले साल जुलाई में कहा था कि पाकिस्तान को जाधव को दोषी ठहराए जाने और सजा पर “प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार” करना चाहिए और बिना किसी देरी के उसे भारतीय दूतावास की पहुंच उपलब्ध करानी चाहिए.
पाकिस्तान ने बुधवार को कहा था कि जाधव ने विकल्प दिये जाने के बावजूद अपनी सजा के खिलाफ इस्लामाबाद हाई कोर्ट में अपील दायर करने से इनकार कर दिया है. इसके कुछ घंटों बाद ही भारत ने पाकिस्तान के इस दावे को “स्वांग” करार देते हुए कहा कि जाधव को अधिकार छोड़ने के लिये “मजबूर” किया गया.