Indians Evacuation From Sudan: सूडान में सेना और अर्धसैनिक बल के बीच छिड़े संघर्ष के कारण जो भारतीय नागरिक वहां फंस गए हैं, उन्हें खतरे वाली जगह से निकालने के लिए भारत सरकार की ओर से हर संभव कोशिश की जा रही है. इस काम के लिए भारत ने ऑपरेशन कावेरी लॉन्च किया है.


ऑपरेशन कावेरी को लेकर मीडिया से बात करते हुए भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने गुरुवार (27 अप्रैल) को इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि  भारत सरकार का ध्यान इस पर है कि जोखिम वाले इलाके में फंसे हर भारतीय को जल्द से जल्द निकाला जाए. इसी के साथ उन्होंने बताया कि 3,400 भारतीयों में से 1,700 से ज्यादा लोगों को संघर्ष वाले क्षेत्र में से निकाला जा चुका है. 


पोर्ट सूडान तक पहुंचने में बेहद कठिनाई!


रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूडान में कुछ लोग बेहद जोखिम वाले इलाकों में फंसे हैं उन्हें राजधानी खार्तूम को बाहरी इलाकों तक पहुंचाने में खासी कठिनाई आ रही है. भारत की ओर से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भारतीयों को सड़क मार्ग के जरिये पोर्ट सूडान ले जाया जाए, फिर वहां से लोगों को सुद्धपोतों और सेना के विमानों के जरिये सऊदी अरब के जेद्दाह ले जाया जाए.


सूडान में मंगलवार (25 अप्रैल) को 72 घंटे का संघर्ष विराम शुरू हुआ था, जिसके बाद भारत ने अपने नागरिकों को वहां से निकालने का प्रयास शुरू कर दिया था.


और क्या बोले विदेश सचिव?


विदेश सचिव ने जानकारी दी कि भारत लौटने के लिए करीब 3,400 भारतीय नागरिकों ने या तो ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया था या वे खार्तूम में दूतावास के संपर्क में थे. उनमें से 1,700 से ज्यादा लोग अब तक संघर्ष प्रभावित क्षेत्र से बाहर निकाले गए हैं. वहीं, 600 से ज्यादा भारतीय या तो भारत आ चुके हैं या लौटने की राह पर हैं.


रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में कुल 495 भारतीय जेद्दा में हैं, वहीं, अन्य 320 लोग पोर्ट सूडान में हैं. बाकी भारतीयों को खार्तूम से पोर्ट सूडान तक बसों से ले जाया जा रहा है. बता दें कि बुधवार (26 अप्रैल) रात एक चार्टर्ड फ्लाइट से 360 भारतीयों ने वापसी की. वहीं, 246 लोगों को भारतीय वायुसेना के भारी लिफ्ट विमान सी-17 ग्लोबमास्टर से महाराष्ट्र के लिए रवाना किया गया. 


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