इन दिनों को पर्यटन के लिहाज से अच्छा सीजन माना जाता है, इसके बाद भी आगरा के ताजमहल को देखने के लिए पहुंचने वालों की संख्या में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2019 में पर्यटकों की संख्या में 36 फीसदी की कमी आई है जो काफी बड़ी गिरावट मानी जाएगी.
स्थानीय टूर ऑपरेटर और पर्यटन उद्योग से जुड़े जानकार बताते हैं कि पिछले कुछ वक्त से भारत में सीएए विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं. कई बार इंटरनेट सेवाएं भी बंद करनी पड़ी हैं. इन हालातों को देखते हुए कई देशों ने अपने नागरिकों को भारत ना जाने की सलाह दी है. ये भी बताया गया है कि बहुत सारे लोगों ने टिकट कैंसिल कराए हैं और अपना दौरा रद्द कर दिया है.
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एएसआई के अधिकारियों ने जो जानकारी उपलब्ध कराई है उसके मुताबिक दिसंबर 2018 में 7 लाख पर्यटक ताजमहल देखने पहुंचे थे वहीं इस साल केवल 4.5 लाख पर्यटक ही दिसंबर के महीने में ताजमहल देखने के लिए आए. नवंबर का महीना भी अच्छा नहीं रहा क्योंकि पिछले साल नवंबर में 6.7 लाख पर्यटक आए थे वहीं इस साल केवल 5.4 लाख टूरिस्ट ताजमहल देखने आए.
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जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक अयोध्या पर फैसला आने के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, इजरायल, कनाडा, सिंगापुर और ताइवान जैसे देशों ने भारत की यात्रा के लिए अपने नागरिकों को ट्रैवल एडवाइजरी जारी की थी. इसमें अपने नागरिकों से भारत की यात्रा से परहेज करने और यात्रा के वक्त सावधानी बरतने के लिए कहा गया था.
एक अधिकारी ने कहा वैसे तो पर्यटकों की संख्या के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है लेकिन फिर भी ऐसा माना जा सकता है कि पिछले दिनों लगातार हुई हिंसा आदि के कारण ऐसा हुआ है. यूपी में पिछले दिनों जो हिंसा हुई उसके बाद कई दिनों तक इंटरनेट भी बंद रहा. ऐसा भी माना जा रहा है कि ये भी पर्यटकों के लिए ठीक नहीं था.