इंडियन कोस्ट गार्ड में प्रमोशन के लिए सर्विस रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़, रक्षा मंत्रालय ने दिए जांच के आदेश
रक्षा मत्रांलय के एक ज्वाइंट सेक्रेटरी रैंक के अधिकारी पूरे मामले की जांच करेंगे. हालांकि इस पूरे मामले पर कोस्टगार्ड की तरफ से कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है.
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नई दिल्ली: इंडियन कोस्ट गार्ड में प्रमोशन के लिए आईजी स्तर के अधिकारियों की तरफ से अपने रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ का बड़ा मामला सामने आया है. सर्विस-रिकॉर्ड में छेड़छाड़ को देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने प्रमोशन-बोर्ड को भंग करते हुए पूरे मामले के जांच के आदेश दे दिए हैं.
अधिकारियों ने अपने सेवा-रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की
जानकारी के मुताबिक, भारतीय तटरक्षक बल में जल्द ही आईजी (इंस्पकेटर जनरल) रैंक के अधिकारियों का एडिशनल डीजी (डायरेक्टर जनरल) रैंक के लिए पदोन्नित होने जा रही थी. इसके लिए एक प्रमोशन-बोर्ड का गठन भी किया गया था. लेकिन इस दौरान पाया गया कि प्रमोशन के लिए कोस्टगार्ड के अधिकारियों ने अपने सेवा-रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की है, ताकि एडिशनल डीजी रैंक पर उनकी तरक्की हो सके.
सूत्रों के मुताबिक, ये एक आंतरिक-जांच है और रक्षा मत्रांलय के एक ज्वाइंट सेक्रेटरी रैंक के अधिकारी पूरे मामले की जांच करेंगे. हालांकि इस पूरे मामले पर कोस्टगार्ड की तरफ से कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है.
12 नॉटिकल मील तक की समुद्री-सीमाओं की सुरक्षा में तैनात है कोस्टगार्ड
बता दें कि इंडियन कोस्टगार्ड देश के तटों और समंदर में 12 नॉटिकल मील तक की समुद्री-सीमाओं की सुरक्षा में तैनात है. इसके अलावा समंदर में प्रदूषण के खिलाफ लड़ने के लिए भी कोस्टगार्ड एक नोडन एजेंसी है. समंदर में राहत और बचाव कार्यों के लिए भी कोस्टगार्ड का ऐक अहम योगदान है.
इंडियन कोस्टगार्ड के पास समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए जहाज और बड़ी-बोट्स का एक बड़ा बेड़ा है. पिछले कुछ सालों तक कोस्टगार्ड का मुखिया (डीजी) नौसेना का एक एडमिरल रैंक का अधिकारी होता था, लेकिन अब कोस्टगार्ड के अधिकारियों को ही डीजी की पोस्ट के लिए चुना जाता है.
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