Manipur Violence: 'मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेंसियों का हो सकता है हाथ', पूर्व आर्मी चीफ ने जताया शक, चीन का किया जिक्र
Manipur News: मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मैतई समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को जातीय हिंसा भड़की थी. जिसमें अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
MM Naravane On Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर देश में घमासान मचा हुआ है. संसद के मानसून सत्र में इस मुद्दे को लेकर जोरदार हंगामा हो रहा है. इसी बीच पूर्व सेना प्रमुख जनरल (रिटायर्ड) एमएम नरवणे (MM Naravane) ने मणिपुर हिंसा में विदेशी ताकतों के शामिल होने का शक जताया है. उन्होंने शुक्रवार (28 जुलाई) को कहा कि मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता.
जनरल (रिटायर्ड) एमएम नरवणे ने कहा कि सीमावर्ती राज्यों में अस्थिरता देश की समग्र राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अच्छी नहीं है. उन्होंने मणिपुर में विद्रोही संगठनों को चीन की ओर से दी जा रही मदद का भी जिक्र किया. पूर्व आर्मी चीफ दिल्ली में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में राष्ट्रीय सुरक्षा परिप्रेक्ष्य विषय पर आयोजित एक चर्चा के दौरान मणिपुर हिंसा को लेकर संवाददाताओं के सवालों का जवाब दे रह थे.
पूर्व आर्मी चीफ ने और क्या कहा?
एमएम नरवणे ने आगे कहा कि मुझे यकीन है कि जो लोग सत्ता पर हैं और जो भी कार्रवाई की जानी चाहिए उसे करने के लिए जिम्मेदार हैं, वे अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहे हैं. मैं कहता हूं कि विदेशी एजेंसियों की भागीदारी से इनकार नहीं किया जा सकता. वे निश्चित रूप से इस हिंसा में शामिल हैं. उन्होंने चीन पर आरोप लगाते हुए कहा कि चीन कई सालों से इन विद्रोही संगठनों की मदद कर रहा है और अब भी ऐसा करना जारी रखेगा.
नशा तस्करी को लेकर कही ये बात
मणिपुर में हिंसा में मादक पदार्थों की तस्करी के सवाल पर उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं की तस्करी बहुत लंबे समय से हो रही है और बरामद की गई नशीली दवाओं की मात्रा पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी है. हम गोल्डन ट्राइएंगल (वह क्षेत्र जहां थाईलैंड, म्यांमार और लाओस की सीमाएं मिलती हैं) से थोड़ी ही दूर हैं. म्यांमार हमेशा अव्यवस्था और सैन्य शासन की स्थिति में रहता है. इसलिए नशीली दवाओं की तस्करी हमेशा से होती रही है.
(इनपुट पीटीआई से भी)
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