चीन के साथ समझौते को कांग्रेस ने बताया सरेंडर, एबीपी न्यूज़ से पूर्व सेना प्रमुख वीपी मलिक बोले- ऐसा कहना गलत
पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि समझौते को सरेंडर कहना गलत है. समझौते के बाद अगर चीन कोई कदम उठा सकता है तो भारत भी कार्रवाई कर सकता है. भारत को अलर्ट रहना होगा.
नई दिल्ली: एलएसी पर करीब नौ महीने के तनाव के बाद चीन और भारत में समझौता हुआ. चीनी सैनिक पैंगोंग इलाके से पीछे हटने को तैयार हुई. देश की सुरक्षा से जुड़े बड़े समझौते को लेकर विपक्ष सरकार को लगातार घेर रही है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ये समझौता नहीं चीन के सामने सरकार का सरेंडर है. एलएसपी पर हुए इस समझौते को लेकर एबीपी न्यूज़ ने देश के सेना प्रमुख रहे जनरल वीपी मलिक से बात की. उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ने जो कहा है उस पर संदेह नहीं होना चाहिए. समझौते को सरेंडर कहना गलत है.
डिसइंगेजमेंट क्या बोले वीपी मलिक?
पूर्व सेना प्रमुख वीपी मलिक ने कहा, "रक्षा मंत्री ने जो संसद में बोला उसके बाद डिफेंस मिनिस्ट्री की तरफ से जो प्रेस रिलीज आई है, उसके बाद कोई शक नहीं होना चाहिए. अभी फैसला ये है कि जो चीनी और भारतीय सैनिकों की पुरानी पोजिशन थी, वे वहां जाएंगे. भारतीय सैनिक फिंगर थ्री के पास जाएंगे और चीनी सैनिक फिंगर आठ के पीछे जाएंगे. ये दोनों की पुरानी पोजिशन है. दोनों देशों के बीच ये भी फैसला हुआ है कि इस बीच इलाके में दोनों देशों की पेट्रोलिंग नहीं होगी. ये फैसला कुछ समय के लिए है. पेट्रोलिंग के बारे में परमानेंट फैसला बाद में होगा."
वीपी मलिक ने कहा कि फिंगर फोर के ऊपर हमारी पहले कोई पोजिशन नहीं थी. वो पेट्रोलिंग पोजिशन थी. फिंगर थ्री के पास परमानेंट पोजिशन है. फैसला किया है कि कोई पेट्रोलिंग नहीं होगी.
क्या ये समझौता सरेंडर है?
पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि कोई सरेंडर जैसी बात नहीं है. ऐसा कहना बिल्कुल गलत है. अगर समझौते के बाद भी चीन कोई कदम उठाएगा तो भारत भी कार्रवाई करेगा. अगर वो (चीन) पेट्रलिंग शुरू कर सकते हैं तो हम भी कर सकते हैं. हम कुछ और भी कर सकते हैं. हमें कोई रोक नहीं सकता है. ये बात सही है कि चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता, उसके लिए हमें अलर्ट रहना होगा.
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