गुवाहाटी: अरुणाचल के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता गेगांग अपांग ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि पार्टी अटल बिहारी वाजपेयी के सिद्धातों पर नहीं चल रही है. अपांग ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को भेजे अपने त्यागपत्र में कहा है, "मैं यह देखकर निराश हूं कि बीजेपी अब दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के सिद्धातों पर नहीं चल रही."
उन्होंने कहा, "पार्टी अब सत्ता हासिल करने का मंच बन गई है. यह एक नेता की मुट्ठी में है, जो विकेंद्रीकरण या लोकतांत्रिक निर्णय प्रक्रिया से नफरत करता है और उन मूल्यों को नहीं मानता, जिनके लिए पार्टी की स्थापना हुई थी."
अपांग ने कहा कि बीजेपी को अरुणाचल प्रदेश में 2014 में जनादेश नहीं मिला था. लेकिन बीजेपी नेतृत्व ने खरीद-फरोख्त कर, हर गंदा तिकड़म कर दिवंगत कालिखो पुल को मुख्यमंत्री बनवा दिया. सुप्रीम कोर्ट से विरोध में फैसले के बावजूद बीजेपी की सरकार गठित की गई.
अपांग ने कहा, "कालिखो की आत्महत्या की न तो कोई उचित जांच कराई गई और न ही बीजेपी नेतृत्व ने पूर्वोत्तर में कई अन्य बीजेपी सरकारों के गठन के दौरान नैतिकता का कोई ख्याल ही रखा."
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उन्होंने कहा है कि 10-11 नवंबर को पासीघाट में हुई राज्यस्तरीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान बीजेपी महासचिव राम माधव ने कई सदस्यों और पदाधिकारियों को अपने विचार तक नहीं रखने दिए. उन्होंने कहा, "चुनाव से पहले पेमा खांडू को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय न तो उस नियम के अनुरूप है और न उस परंपरा के, जिसका बीजेपी जैसी काडर आधारित पार्टी अनुसरण करती है."
गेगांग अपांग करीब 22 सालों तक अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. उन्होंने फरवरी 2014 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे.