Yashwant Sinha: पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा जल्द ही एक नया राजनीतिक दल बना सकते हैं. साल के अंत में होने वाले झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले, पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के एक नई राजनीतिक पार्टी गठित करने की संभावना है.



न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हजारीबाग में रविवार (26 अगस्त) शाम समर्थकों के साथ एक बैठक के दौरान, नई पार्टी गठित करने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई. सोमवार (26 अगस्त) को दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा, 'समाज के विभिन्न वर्गों के साथ परामर्श करने के बाद, अटल विचार मंच (एवीएम) गठित करने पर अंतिम निर्णय शीघ्र लिया जाएगा.'


कौन-कौन रहा बैठक में शामिल?


रविवार की बैठक की अध्यक्षता सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने की, जो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की कार्यकारिणी के पूर्व सदस्य हैं. वह (सुरेंद्र) बीजेपी के पूर्व सांसद जयंत सिन्हा के (सांसद) प्रतिनिधि भी रह चुके हैं. बैठक में जयंत और उनके पिता यशवंत सिन्हा, दोनों के ही समर्थकों ने हिस्सा लिया.


वाजपेयी सरकार में रहे थे मंत्री


वाजपेयी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने 1998, 1999 और 2009 में हजारीबाग लोकसभा सीट जीती थी. साल 2004 के चुनाव में वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के उम्मीदवार भुवनेश्वर मेहता से हार गए थे.


वर्ष 2014 में, भाजपा ने यशवंत सिन्हा के बड़े बेटे जयंत सिन्हा को हजारीबाग सीट से टिकट दिया था. हालांकि, हाल में हुए लोकसभा चुनाव में जयंत सिन्हा की जगह मनीष जायसवाल को टिकट दिया गया और जायसवाल ने 2.76 लाख मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी.


कौन से दलों में रहे शामिल


पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा का राजनीतिक सफर काफी लंबा और अनुभवों से भरा है. यशवंत सिन्हा ने जनता दल और भारतीय जता पार्टी के बाद तृणमूल कांग्रेस का दामन थामा. 2022 में वो राष्ट्रपति चुनाव के भी दावेदार रहे थे. उन्हें अपने कई नीतिगत फैसलों पर यू-टर्न के लिए भी जाना जाता है.


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