नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के आयोध्या जमीन विवाद मामले को लेकर सुनाए गए फैसले को हर तरफ समर्थन मिल रहा है लेकिन कई जगह से विरोध के स्वर भी उठते दिखाई दे रहे हैं. जहां रविवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने की बात कही गई वहीं अब बीजेपी के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आपत्ति जताई है.


दरअसल यशवंत सिन्हा ने मुंबई में साहित्य महोत्सव के दौरान ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना की लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी कहा मुस्लिम समुदाय को इसे स्वीकार करना चाहिए. ऐतिहासिक फैसले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय का फैसला गलत निर्णय है. इसमें कई खामियां हैं लेकिन मैं फिर भी मुस्लिम समुदाय से फैसले को स्वीकार करने के लिए कहूंगा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कोई फैसला नहीं है.


वहीं सिन्हा ने यह भी दावा किया कि लाल कृष्ण आडवाणी और बीजेपी के अन्य वरिष्ठ नेताओं को शुरुआत में बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर पछतावा था लेकिन बाद में वे राम मंदिर आंदोलन का श्रेय लेने लगे. आपको बतादें कि सिन्हा से पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने ऐलान किया था.


देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद (जेयूएच) के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने रविवार को कहा कि उनका संगठन अयोध्या जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करेगा. उन्होंने कहा कि कोई भी मुस्लिम किसी मस्जिद को उसकी मूल जगह से कहीं और स्थानांतरित नहीं कर सकता, इसलिए मस्जिद के लिए कहीं और जमीन स्वीकार करने का सवाल ही पैदा नहीं होता.


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