पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी को रविवार को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (IIC) में हुए चुनावों में अपना वोट डालने की अनुमति नहीं दी गई.  दरअसल पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त को वोट डालने से इसलिए रोका गया क्योंकि उनके पास स्मार्ट पहचान पत्र नहीं था. इस दौरान उन्होंने दूसरे आइडेंटिटी कार्ड दिखाकर अधिकारियों को मनाने की भरसक कोशिश की लेकिन उन्हें यह कहा गया कि बिना एलीट क्लब की ओर से जारी किए गए स्मार्ट कार्ड के आप वोट नहीं डाल सकते हैं.


वोटिंग के लिए दो विकल्प दिए गए थे


वहीं IIC सचिव कंवल वली से जब इस बाबत संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि, “सभी सदस्यों को कोरोना वायरस के खतरे को ध्यान में रखते हुए, इलेक्ट्रॉनिक या शारीरिक रूप से वोट देने के लिए दो विकल्प दिए गए थे. सदस्य या तो इलेक्ट्रानिक तरीके से वोटिंग कर सकते थे या फिर खुद उपस्थित होकर अपना वोट दे सकते थे. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग 10 से 14 मार्च के अवधि के दौरान पूरी की जा चुकी है. वहीं जिन लोगों ने इलेक्ट्रॉनिक विकल्प से वोटिंग नहीं की थी उनकी लिस्ट तैयार कराई गई थी और कहा गया था कि वे खुद उपस्थित होकर 21 मार्च को वोट दे सकते. इस संबंध में कुरैशी को भी ईमेल भेजा गया था.”


कुरैशी ने भी नियमों का पालन करने स्वीकारा था- कंवल वली


उन्होंने आगे कहा कि, “जब कुरैशी वोट डालने पहुंचे तो उनके पास स्मार्ट कार्ड नहीं था और न ही उनके पास पुराना मेंबरशिप का कार्ड ही था. वली ने कहा, "रिटर्निंग अधिकारी ने उनसे प्रक्रिया के अनुसार पुराने सदस्यता कार्ड लाने का अनुरोध किया, और उन्हें सूचित किया कि उन्हें इसके बिना मतदान करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इस बिंदु पर, कुरैशी, जो पूर्व सीईसी है और प्रक्रिया की पवित्रता से अच्छी तरह वाकिफ है, ने भी माना कि नियत प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए.” बता दें कि IIC ने रविवार को एक ट्रस्टी और कार्यकारी समिति के दो सदस्यों के लिए चुनाव आयोजित किए थे.


कुरैशी ने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट को रीट्वीट किया


वहीं पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त कुरैशी द्वारा अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट को रीट्वीट किया गया जिसके अनुसार, पूर्व सीईसी ने पहले आईआईसी स्मार्ट कार्ड के लिए आवेदन किया था, लेकिन आवेदन के लिए रसीद नहीं दी गई थी. कुरैशी ने ये भी कहा कि चुनाव आयोग भी अपनी लिस्ट में 13 तरह के पहचान पत्र को मान्यता देते हैं लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई. कुरैशी ने आगे कहा कि, “ शायद आईआईसी चुनाव आयोग से भी ज्यादा सख्ती से चुनाव कराता है.”


ये भी पढ़ें


Maharashtra Cabinet Expansion: अप्रैल के पहले हफ्ते में हो सकता है मंत्रिमंडल विस्तार, देशमुख से छीना जा सकता है गृह मंत्रालय


ABP News West Bengal Opinion Poll 2021: बंगाल में खेला होबे या परिवर्तन होबे, एबीपी न्यूज पर शाम छह बजे से देखिए ओपिनियन पोल