Former CJI Mohammad Hidayatullah Profile: देश में कई शख्सियतें ऐसी हैं जिनके मरने के बाद भी उन्हें हमेशा के लिए याद किया जाता है. ऐसा ही एक नाम पूर्व जस्टिस एम हिदायतुल्लाह का भी है, जिनकी 18 सितंबर को पुण्यतिथि मनाई जा रही है. पूर्व सीजेआई हिदायतुल्लाह की पुण्यतिथि से पहले हम आपको उनके बारे में ऐसी अनोखी चीजें बताने जा रहे हैं जो शायद ही आप जानते हो. हिदायतुल्लाह पहले ऐसे मुस्लिम सीजेआई थे जिन्हें दफनाया नहीं बल्कि जलाया गया था. इतना ही नहीं वो इकलौते चीफ जस्टिस थे, जिन्होंने कार्यवाहक राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के रूप में कार्य किया था. 


पूर्व सीजेआई एम हिदायतुल्लाह का जन्म 17 दिसंबर 1905 में लखनऊ में हुआ था और इन्होंने पुष्पा शाह नाम की हिंदू महिला से शादी की थी. हिदायतुल्लाह 53 साल की उम्र में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए थे. खास बात ये है कि जब इनकी नियुक्ति हुई उस समय ये सबसे कम उम्र के जज थे. इसके बाद 28 फरवरी 1968 को इन्हें सीजेआई यानी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनाया गया. 


मरने से पहले जाहिर की थी ये इच्छा


जस्टिस हिदायतुल्लाह देश के पहले मुस्लिम चीफ जस्टिस थे. हिदायतुल्लाह सीजेआई के पद पर साल 1970 तक रहे. इसके बाद एम हिदायतुल्लाह को उपराष्ट्रपति के तौर पर चुना गया. इतना ही नहीं जब तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह इलाज के लिए अमेरिका गए तो इन्हें कार्यवाहक राष्ट्रपति भी बनाया गया. पूर्व सीजेआई एम हिदायतुल्लाह का निधन 18 सितंबर 1992 को हो गया था. उनकी मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई थी. एम हिदायतुल्लाह की वसीयत के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज से किया गया क्योंकि उन्होंने मरने के बाद दफनाने नहीं बल्कि जलाने की इच्छा जाहिर की थी. 


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