Ghulam Nabi Azad Meets Amit Shah: जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार (2 फरवरी) को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की. डेमोक्रेटिक आज़ाद पार्टी (DAP) के प्रमुख गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने केंद्रीय गृह मंत्री के सामने जम्मू-कश्मीर में चल रही एंटी-एंक्रोचमेंट ड्राइव का मुद्दा उठाया.
उन्होंने ट्वीट कर बताया कि अमित शाह को आम लोगों के बीच फैली अशांति और अनिश्चितता के बारे में अवगत कराया. लोगों को उन संपत्तियों को खाली करने के लिए मजबूर किया जा रहा है जिन्हें मान्यता प्राप्त है. अमित शाह ने मुझे आश्वासन दिया कि मकान बनाने वाले छोटे भूमि धारकों को छुआ नहीं जाएगा.
गुलाम नबी आजाद ने क्या कहा?
गुलाम नबी आजाद ने अमित शाह को बताया कि पिछले कुछ दशकों से छोटी-छोटी जमीनों पर घरों का निर्माण करने वाले अधिकांश लोग प्रवासी हैं और ज्यादातर उग्रवाद के शिकार हैं. हाल ही में जम्मू डिवीजन के विभिन्न जिलों में चल रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान लगभग 23,000 हेक्टेयर राज्य और 'कचराई' भूमि को वापस लिया गया है.
इतनी जमीन ली गई वापस
13,793 हेक्टेयर भूमि का बड़ा हिस्सा राजौरी में अतिक्रमणकारियों से वापस लिया गया. इसके बाद पुंछ में 6,100 हेक्टेयर, किश्तवाड़ में 2,300 से अधिक, उधमपुर में 15.9 हेक्टेयर और कठुआ और सांबा जिलों में कुछ जमीन वापस ली गई है.
घाटी में हो रहा जोरदार विरोध
बता दें कि, हाल ही में जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में नया भूमि अनुदान नियम-2022 लागू किया गया. इसके अनुसार, आवासीय पट्टेदारों को छोड़कर सभी मौजूदा पट्टेदारों को वो जमीन वापस सरकार को सौंपनी होगी जो पट्टे पर ली गई थी. अगर कोई ऐसा नहीं करता तो उसे बेदखल कर दिया जाएगा. इस फैसले को लेकर घाटी में जोरदार विरोध हो रहा है.
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