इंदौर के DNS अस्पताल में रविवार को लिफ्ट गिर जाने से मध्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ बाल-बाल बच गए. हादसा लिफ्ट के ओवरलोड होने की वजह से हुआ. कमलनाथ और अन्य नेताओं को लेकर लिफ्ट तीसरे फ्लोर पर जा रही थी कि तभी अचानक भराभरा कर नीचे गिर गई. लिफ्ट की क्षमता 15 लोगों की थी, जबकि उसमें 20 लोग सवार हो गए. कमलनाथ भर्ती पूर्व मंत्री रामेश्वर पटेल का हालचाल जानने गए थे.
हादसे के बाद इंजीनियर को बुलाकर सभी नेताओं को सुरक्षित बाहर निकाला गया. इसी दौरान घबराहट होने से कमलनाथ की तबीयत खराब हो गई. अस्पताल में ही उनका ब्लड प्रेशर चेक किया गया. हादसे के समय लिफ्ट में कमलनाथ के साथ पूर्व मंत्री जीतू पटवारी और सज्जन सिंह वर्मा भी सवार थे.
10 फीट नीचे गिरी लिफ्ट
इस बारे में प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के मीडिया कॉर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा ने बयान जारी किया है. नरेंद्र सलूजा ने बयान में कहा- "कमलनाथ इंदौर के DNS अस्पताल में भर्ती वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामेश्वर पटेल के हाल-चाल जानने गए थे. वे और दूसरे कांग्रेसी नेता नीचे से ऊपरी मंजिल की ओर जाने के लिए लिफ्ट में सवार हुए. उसी वक्त अचानक लिफ्ट धड़ाम से 10 फुट नीचे गिर गई." सलूजा ने आगे बताया, ‘‘हादसे के बाद लिफ्ट में धूल व धुएं का गुबार भर गया और उसके दरवाजा लॉक हो गया. इसके 10-15 मिनट बाद बामुश्किल औजार ढूंढ कर लिफ्ट का दरवाजा खोला गया.’’
शिवराज ने की कमलनाथ से बात
मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने इस घटना के बाद कमलनाथ से फोन कर हालचाल पूछा. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि इंदौर के एक प्राइवेट अस्पताल में लिफ्ट में सवार पूर्व सीएम कमलनाथ और अन्य साथियों के गिरने की जानकारी मिली. फोन पर उनका हालचाल जाना. ईश्वर की कृपा से सभी सकुशल हैं. इंदौर कलेक्टर को इस दुर्घटना के जांच के आदेश दिए हैं.
घटना की जांच के आदेश
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार कलेक्टर द्वारा डीएनएस हास्पिटल में लिफ़्ट दुर्घटना की जांच कराई जाएगी. कलेक्टर मनीष सिंह ने रविवार को डीएनएस हास्पिटल में लिफ़्ट की ख़राबी और दुर्घटना पर मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं. कलेक्टर द्वारा एडीएम मुख्यालय हिमांशु चंद्र को जांच के लिए आदेशित किया गया.
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