नई दिल्ली: राहुल गांधी द्वारा सहारा डायरियों को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधे जाने के बीच अब एक और विवाद शुरू हो गया है. हुआ कुछ यूं कि कांग्रेस ने इससे जुड़ी एक लिस्ट ट्विटर पर जारी की जिसमें कांग्रेस नेता शीला दीक्षित का भी नाम कथित तौर पर शामिल है. लेकिन शीला दीक्षित ने उन दस्तावेजों को तवज्जो नहीं दी है.


बीजेपी ने तुरंत इस मुद्दे पर कहा कि दो मानदंड नहीं हो सकते और राहुल ‘गड़े मुर्दे उखाड़ रहे हैं’ क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही इस मामले को साफ कर दिया है. इस बीच जेडीयू, आरजेडी और एनसीपी जैसी पार्टियों ने मांग की कि उन सभी लोगों की जांच की जानी चाहिए जिनके नाम डायरियों में हैं.


कांग्रेस की ओर से उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित ने आरोपों से साफ इंकार किया और दस्तावेजों को खारिज करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही उनके संबंध में अपनी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा, ‘‘आरोपों में जरा भी सच्चाई नहीं है. मैं पूरी तरह से इन आरोपों को खारिज करती हूं.’’


कांग्रेस द्वारा अपने ट्विटर हैंडल पर लिस्ट सार्वजनिक किए जाने के बारे में पूछने पर शीला दीक्षित ने कहा, ‘‘इससे मुझे आश्चर्य हुआ.’’ हालांकि उन्होंने कहा कि उनका इस मुद्दे से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने इस संबंध में और आगे बोलने से इंकार करते हुए कहा कि यह मामला न्यायाधीन है.


उनके करीबी सूत्रों ने कहा कि वह इस मुद्दे को पार्टी में उठा सकती हैं. उन्होंने कहा, ‘‘सूची में कई नाम हैं. तब आप शीला दीक्षित पर क्यों केंद्रित कर रहे हैं. मुझे ऐसी कोई बात याद भी नहीं है. अन्य मुख्यमंत्रियों के भी नाम हैं. आप उनके बारे में क्यों नहीं बात करते? सिर्फ शीला दीक्षित ही क्यों?