दिल्ली हिंसा: पूर्व कमिश्नर बोले- शाहरुख को वहीं मारनी चाहिए थी गोली, कपिल-अनुराग पर क्यों नहीं हुआ एक्शन?
उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे शुरू होने से पहले कपिल मिश्रा के नफरत भरे भाषण देते हुए वीडियो वायरल हुआ था. हिंसा में 42 लोगों की मौत हुई.
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के हालातों पर दिल्ली पुलिस के पूर्व पुलिस आयुक्त अजय राज शर्मा का मानना है कि अगर कोई पुलिस पर गोली चलाए या पुलिस के सामने हथियार उठाए तो उसे गोली मार देनी चाहिए. उनका यह भी मानना है कि दिल्ली के वर्तमान हालातों में पुलिस की तरफ से अनेक चूक हुई. साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिस को हर इलाके में घुसना चाहिए और नए पुलिस कमिश्नर को जनता के साथ-साथ पुलिसकर्मी का भी विश्वास जीतना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि एक बार पुलिसकर्मी कार्रवाई करने लगे ऐसे हालात अपने आप काबू में आ जाएंगे.
पूर्व पुलिस आयुक्त अजय राज शर्मा ने कहा कि पुलिस से पहली गलती शाहीन बाग से ही शुरू हो गई थी. जब उन्होंने लोगों को सड़क पर बैठने दिया था. जब लोग सड़क पर बैठने जा रहे थे तभी उन्हें वहां पुलिस की एक कंपनी डाल देनी चाहिए थी. जिससे लोग वहां ना बैठ सकें और धरना देने वालों को दूसरे स्थान पर ले जाना चाहिए था. उन्होंने यह भी कहा कि इसके बाद दिल्ली में चुनाव आ गए और चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने भड़काऊ भाषण दिए जिससे लोगों की भावनाएं भड़कीं. इंटेलिजेंस और पुलिस के लोगों की समझ में यह आना चाहिए था कि कब एक्शन शुरू कर देना चाहिए लेकिन इस काम में भी देरी हुई.
पूर्व पुलिस कमिश्नर ने कहा कि जिस किसी ने भी भड़काऊ भाषण दिए उसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी. हम किसी को इजाजत नहीं दे सकते कि कोई लोगों की सांप्रदायिक भावनाओं को भावनाओं से खेले और उसके ऊपर एफआईआर लिखी जानी चाहिए थी. उन्होने साफ तौर पर कहा कि अनुराग ठाकुर हो या फिर कपिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए थी.
यह पूछे जाने पर कि क्या दिल्ली पुलिस कमिश्नर जिस पार्टी की सरकार है उसके केंद्रीय मंत्री को बंद कर सकता है इसके जवाब में पूर्व पुलिस कमिश्नर ने कहा कि उसका एक प्रोसीजर है. बंद करने पर कोई मनाही नहीं है. यह कोई बात नहीं होती कि कमिश्नर को सरकार ने लगाया है तो सरकार के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकता. प्रोसीजर के तहत वह कुछ भी कर सकता है. जिन लोगों ने पुलिस के सामने हथियार उठाए मसलन शाहरुख के मामले में पूर्व पुलिस आयुक्त ने कहा कि उसको वहीं गोली मार देनी चाहिए थी. पकड़ना नहीं चाहिए था. जो पुलिस के सामने हथियार चला रहा है उसे मार देना चाहिए.
नए पुलिस कमिश्नर के सामने चुनौतियों के बारे में पूर्व पुलिस कमिश्नर ने कहा कि नए कमिश्नर को पहले पूरे वातावरण को सामान्य करना होगा. लोगों में विश्वास स्थापित करना होगा. पुलिस को हर गली कूचे में जाकर बात करनी होगी कि हम आपकी सुरक्षा के लिए तैनात हैं. साथ ही पेट्रोलिंग कारों की गश्त बढ़ना चाहिए और अगर इसके बाद भी पुलिस पर कोई अटैक करें तो चूकना नहीं चाहिए उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि कई ऐसे इलाके हैं जहां पर पुलिस वालों को घुसने नहीं दिया जाता. पुलिस को हर इलाके में घुसना चाहिए.
उन्होंने कहा कि पुलिस कमिश्नर को खासतौर से देखना पड़ेगा किय अगर किसी पुलिसकर्मी ने कानून मुताबिक गोली चलाई है तो उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. जब तक ये विश्वास पुलिस के सिपाही में नहीं आएगा तब तक कार्रवाई करते हुए वह हिचकेगा. ऐसा नहीं है सिपाही कार्रवाई नहीं करना चाहता. सिपाही कार्रवाई करना चाहता है लेकिन वो हिचकता है कि कहीं उस पर ही कार्रवाई ना हो जाए.
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