किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजक्ट (Kiru Hydro Electric Project) भ्रष्टाचार मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टगेशन (CBI) ने गुरुवार (22 फरवरी, 2024) को जम्मू-कश्मीर के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक के घर पर रेड मारी है. उनसे जुड़े 30 से ज्यादा ठिकानों पर छापेामार की कार्रवाई चल रही है. उनके दफ्तर पर भी रेड मारी गई है. 


अगस्त 2018 को उन्हें जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. 15 महीने बाद नवंबर 2019 में उन्हें गोवा के राज्यपाल की जिम्मेदारी दे दी गई. जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल रहते हुए विधानसभा भंग हुई और राज्य का सारा एडमिनिस्ट्रेशन उनके पास आ गया था. इसके अलावा, पुलवामा हमला और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 भी उन्हीं के कार्यकाल में हटाया गया था. कुछ दिन पहले उन्होंने एक इंटरव्यू में पुलवामा हमले और किसान आंदोलन को लेकर कई खुलासे किए थे.


पीएम मोदी से क्यों हो गया था सत्यपाल मलिक का झगड़ा?
न्यूज तक के साथ इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि पुलवामा हमले और किसान आंदोलन को लेकर उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से झगड़ा हो गया था.  उन्होंने बताया कि जब पहले किसान आंदोलन के दौरान किसान दिल्ली बॉर्डर पर कई महीनों तक धरने पर बैठे थे तो गवर्नर रहते हुए उन्होंने पीएम मोदी से बात की थी, लेकिन उनका झगड़ा हो गया. उन्होंने कहा, 'गर्वनर रहते हुए मैं जो बोला उसका एक असर हुआ और किसानों को अच्छा लगा. मैंने पीएम मोदी से कहा कि ये किसान 4 महीने से धरने पर बैठे हैं, उनसे बात करें. खुद बात नहीं करनी तो किसी ओर के जरिए बात करें तो वो बोले नहीं कुछ नहीं होता वो चले जाएंगे. मैं इस पर रिएक्ट कर गया और मैंने कहा कि इनसे लड़ा नहीं जाता बात की जाती है.' 


सत्यपाल मलिक ने आगे कहा, 'उस वक्त उन्हें समझ नहीं आया फिर दो महीने बाद माफी मांगी और कानून वापस लिया. इसके बाद मेरी बातचीत उनसे बंद हो गई और बाद में मुझे जो बात करनी होती थी अमित शाह के जरिए करते थे. वो अच्छे आदमी हैं उनसे मेरी अच्छी बातचीत थी.' इस दौरान सत्यपाल मलिक ने पुलवामा हमले पर भी बात की और कहा कि पुलवामा हमले का बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पॉलिटिकली इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा कि वह घटना सरकार की गलती की वजह से हुई, लेकिन सरकार ने उसको दबा दिया. 


पुलवामा हमले को लेकर क्या बोले सत्यपाल मलिक
सत्यपाल मलिक ने कहा, 'सीआरपीएफ ने जम्मू से श्रीनगर अपने जवानों को ले जाने के लिए 4 एयरक्राफ्ट मांगे थे. सड़क के माध्यम से इतने जवानों को लेकर नहीं जाते हैं. 4 महीने उनकी रिक्वेस्ट होम मिनिस्ट्री में पड़ी रही और फिर रिजेक्ट हो गई.'उन्होंने कहा कि तब जवान सड़क मार्ग पर चले और ये दुर्घटना हुई. सत्यपाल मलिक ने कहा कि उस बीजेपी चुनाव हार रही थी, लेकिन पुलवामा हमले का पॉलिटिकल इस्तेमाल करके जीत गए. 


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सत्यपाल मलिक ने कहा, 'आज भी अगर विपक्ष पुलवामा हमले का मुद्दा उठाए तो बीजेपी चुनाव हार जाएगी. मुझे विपक्ष से भी शिकायत है वो भी नहीं उठा रहे इस मुद्दे को.' उन्होंने कहा कि विपक्ष अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहा है, उसे भी सड़कों पर होना चाहिए और सरकार के खिलाफ पुलवामा हमले, कृषि कानून को लेकर सवाल उठाने चाहिए.