जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के घर समेत 30 जगह CBI का छापाः सपा से लेकर BJP तक में रहे, PM मोदी पर लगा चुके हैं बड़े आरोप
Satyapal Malik News: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक सरकार के आलोचक रहे है. वह किसानों और महिला पहलवानों के प्रदर्शन के मुद्दे पर सरकार की आलोचना कर चुके हैं.
Satyapal Malik CBI Raid: देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार (22 फरवरी) को 30 से अधिक ठिकानों पर रेड की है, जिनमें जम्मू और कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का घर भी शामिल है. समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सीबीआई की ये छापेमारी केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में किरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट कॉन्ट्रैक्ट से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में की जा रही है.
उत्तर प्रदेश के बागपत में स्थित सत्यपाल मलिक के घर पर हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट कॉन्ट्रैक्ट मामले में सीबीआई की टीम छापेमारी के लिए पहुंची है. जांच एजेंसी ने उनके पर तलाशी अभियान चलाया है. सत्यपाल मलिक बागपत के सिंघावली अहीर थाना क्षेत्र के हिसावदा गांव के मूल रूप से रहने वाले हैं.
(सत्यपाल मलिक के घर पहुंची जांच टीम)
हालांकि, ये पहला मौका नहीं है, जब सीबीआई ने किरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट मामले में सत्यपाल मलिक के ठिकानों पर छापेमारी की है. पिछले साल मई में भी सीबीआई ने इसी केस में 12 जगहों पर छापेमारी की थी, जिसमें से एक लोकेशन सत्यपाल मलिक के पूर्व सहयोगी की थी. जांच एजेंसी ने सौनक बाली के यहां छापेमारी की थी, जो सत्यपाल मलिक का मीडिया एडवाइजर था.
CBI conducts raids at more than 30 places, including the premises of former Jammu and Kashmir Governor Satyapal Malik, as part of its investigation into alleged corruption linked to the awarding of a Kiru Hydroelectric project contract in the UT: Sources
— ANI (@ANI) February 22, 2024
इन राज्यों में हुई छापेमारी
सीबीआई ने जिन 30 लोकेशन पर छापेमारी की है, उसमें यूपी, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा जैसे राज्यों की जगहें शामिल हैं. सत्यपाल मलिक औऱ उनके करीबियों के यहां छापेमारी की गई है. कीरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट से के अधिकारियों के यहां भी रेड मारी गई है. पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जम्मू कश्मीर में दो परियोजनाओं में 300 करोड़ की घूस की पेशकश के आरोप लगाए थे. उसके बाद सीबीआई ने अप्रैल 2022 में पांच आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था और कारवाई शुरू की थी. इस परियोजना में 2200 करोड़ रुपए के कॉन्ट्रेक्ट देने गड़बड़ी के आरोप है.
क्या है मामला?
जम्मू-कश्मीर के किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में कथित भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई तलाशी अभियान चला रही है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अपने कार्यकाल के दौरान आरोप लगाया था कि उन्हें किश्तवाड़ में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट से संबंधित दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी. किरू जलविद्युत परियोजना (624 मेगावाट), एक रन-ऑफ-रिवर योजना, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर प्रस्तावित है जो कि किश्तवाड़ से लगभग 42 किलोमीटर दूर है. इस परियोजना में 135 मीटर ऊंचे बांध और 156 मेगावाट की 4 इकाइयों के साथ एक भूमिगत पावर हाउस के निर्माण के लिए परिकल्पित किया गया है.
छापेमारी कर बेवजह किया जा रहा परेशान: सत्यपाल मलिक
सीबीआई के छापे पर सत्यपाल मलिक का रिएक्शन भी सामने आ गया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'पिछले 3-4 दिनों से मैं बिमार हूं और अस्पताल में भर्ती हूं. जिसके वावजूद मेरे मकान में तानाशाह द्वारा सरकारी एजेंसियों से छापे डलवाएं जा रहें हैं. मेरे ड्राईवर, मेरे सहायक के ऊपर भी छापे मारकर उनको बेवजह परेशान किया जा रहा है. में किसान का बेटा हूं, इन छापों से घबराऊंगा नहीं. में किसानों के साथ हूं'
पिछले 3-4 दिनों से मैं बिमार हूं ओर हस्पताल में भर्ती हूं। जिसके वावजूद मेरे मकान में तानाशाह द्वारा सरकारी एजेंसियों से छापे डलवाएं जा रहें हैं। मेरे ड्राईवर, मेरे साहयक के ऊपर भी छापे मारकर उनको बेवजह परेशान किया जा रहा है।
— Satyapal Malik 🇮🇳 (@SatyapalmalikG) February 22, 2024
में किसान का बेटा हूं, इन छापों से घबराऊंगा नहीं। में…
सत्यपाल मलिक का ऐसा रहा सियासी सफर
उत्तर प्रदेश (यूपी) के बागपत के रहने वाले सत्यपाल मलिक मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से पढ़े हैं. उनके सियासी करियर की शुरुआत 1974 में बागपत से विधायक के रूप में हुई थी. 1980 में वह लोकदल से संसद के उच्च सदन राज्यसभा पहुंचे. फिर यूपी के अलीगढ़ से एमपी बने. 1996 में समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट मिला मगर इसी सीट पर हार का सामना करना पड़ा.
फिर 2004 में बीजेपी का हिस्सा बने और चुनाव लड़ा लेकिन इस बार भी हार का स्वाद चखना पड़ा था. 2012 में वह बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए और फिर उन्हें एक-एक कर के 4 राज्यों के राज्यपाल की जिम्मेदारी (क्रमशः बिहार-2017 में, जम्मू कश्मीर-2018 , गोवा-2019 और मेघालय-2020) सौंपी गई.
सत्यपाल मलिक पीएम मोदी की कर चुके हैं आलोचना
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक कई मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना कर चुके हैं. उन्होंने पीएम मोदी की सरकार को पुलवामा हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि सीआरपीएफ ने जम्मू से श्रीनगर अपने जवानों को ले जाने के लिए 4 एयरक्राफ्ट मांगे थे. लेकिन गृह मंत्रालय ने उनके अनुरोध पर एक्शन नहीं लिया, जिसकी वजह से उन्हें सड़क के रास्ते जाना पड़ा और पुलवामा हमला हो गया.
किसानों के मुद्दे पर सत्यपाल मलिक ने कहा था कि जब मैंने किसानों से बात करने के लिए पीएम मोदी को कहा तो उन्होंने मुझसे कहा कि किसान खुद ही चले जाएंगे. फिर दो महीने बाद कृषि कानूनों को वापस ले लिया और तब से ही मेरी बातचीत पीएम मोदी के साथ बंद हो गई.
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