Abhinandan Varthaman Story: फरवरी 2019 में भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन वर्धमान ने पाकिस्तानी वायुसेना के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था. उनकी पाकिस्तान में ही क्रैश लैंडिंग हो गई थी. तब भारत से कड़ा एक्शन मिलने के खौफ के चलते पाकिस्तान ने अभिनंदन को वापस कर दिया था. अभिनंदन की बहादुरी के लिए 2019 में उन्हें वीर चक्र से नवाजा गया था. अभिनंदन उस समय विंग कमांडर थे और नवंबर 2021 में ग्रुप कैप्टन के रूप में उन्हें पदोन्नत किया गया था.


अभिनंदन की क्रैश लैंडिंग से लेकर भारत वापसी तक की पूरी कहानी पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने एबीपी न्यूज के साथ साझा की है. उनकी एक किताब 'Anger Management: The Troubled Diplomatic Relationship Between India and Pakistan' भी आई है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि पाकिस्तान को यकीन हो गया था कि अगर वह अभिनंदन को नहीं छोड़ेगा तो भारत उस पर कड़ी कार्रवाई कर देगा.


क्या कुछ बताया अजय बिसारिया ने?


एबीपी न्यूज से बात करते हुए अजय बिसारिया ने बताया, ''बालाकोट (एयरस्ट्राइक) के समय मैं दिल्ली में था और वो एक लंबा दिन था, मुझे याद है, जब ये खबर आई. पहले तो खबर आई कि तीन पैराशूट हैं और तीन पायलट नीचे उतरे हैं पाकिस्तान में, उसके बाद खबर थी कि एक है और एक खबर दबा दी गई है पाकिस्तान द्वारा, तो उस दिन करीब दो-तीन बजे दोपहर तक ये खबर मेरे खयाल से आई थी कि एक भारतीय पायलट पाकिस्तान में प्रिजनर है.''


'पाकिस्तान को साफ हो गया था कि अगर...'


अजय बिसारिया ने कहा, ''पहला खयाल ये था कि कैसे हम इस पायलट को वापस लाएं और उस बारे में हमारी चर्चा शुरू हुई... काफी बात हुई उस समय कि किस तरह से पाकिस्तान से बात की जाए, उसमें रेड क्रॉस को भी शामिल किया जाए, अलग-अलग संस्थाओं को जोड़ा जाए, पर उसके अलावा एक और ट्रैक था कि भारत ने एक कोअरसिव डिप्लोमेसी (बलपूर्वक कूटनीति) का इस्तेमाल किया. ये भी पाकिस्तान को साफ हो गया था कि अगर वो पायलट वापस नहीं किया गया तो भारत कठोर कदम उठा सकता है. तो ये बात भी साफ कर दी गई डायरेक्टली पाकिस्तान को और ग्लोबल डिप्लोमेसी द्वारा बातचीत जो हुई अन्य देशों से, ये बात साफ हो गई थी कि हम चाह रहे हैं कि हमारा पायलट वापस आ जाए.''


क्या पाकिस्तान के खिलाफ वाकई कठोर एक्शन लेने की तैयारी थी?


क्या ऐसी प्लानिंग थी कि अगर पाकिस्तान पायलट वापस नहीं करता है तो वाकई कठोर एक्शन लेने की तैयारी थी? यह पूछे जाने पर अजय बिसारिया ने कहा, ''बिल्कुल ऐसी तैयारी थी और इस बात को साफ कर दिया गया था पाकिस्तान को डायरेक्टली और अलग-अलग जो मेजर पावर्स थे, उनको भी साफ कर दिया गया था कि ये भारत की मांग है और इसके लिए भारत कुछ कदम उठा सकता है.''


क्या इमरान खान (पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री) ने अभिनंदन को छोड़ने ऐलान किया था, वो उनकी दरियादिली नहीं, वो उनका भारत के प्रति डर था? ये पूछे जाने पर पूर्व उच्चायुक्त ने कहा, ''ये भारत ने एक अपने सामने लक्ष्य रखा और उसे फिर हासिल किया. तो उस समय मेरे खयाल से ये कहना ठीक होगा कि पाकिस्तान नहीं चाहता था कि ये सिचुएशन एस्केलेट (आगे बढ़े) हो.''


क्या पाकिस्तान को टाइमलाइन भी दी गई थी?


क्या पाकिस्तान को कोई टाइमलाइन भी दी गई थी? यह पूछे जाने पर अजय बिसारिया ने कहा, ''एक टाइमलाइन दी गई थी कि भारत कदम उठा सकता है 27 की रात को या 28 की रात को और ये साफ कर दिया गया था कि पाकिस्तान एश्योरेंस (आश्वासन) दे कि वो (अभिनंदन) वापस आएगा. तो ये साफ हो गया था पाकिस्तान को कि एक टाइमलाइन थी और एक डिमांड थी कि वो पायलट वापस आए.''


'पाकिस्तान को कहा गया था अभिनंदन को कोई चोट न पहुंचाए'


क्या इस तरह की भी कोई शर्त रखी गई थी या भारत ने ये चेताया था कि किसी भी तरह से अमानवीय यातना या टॉर्चर जैसी बात नहीं होनी चाहिए पायलट के साथ? यह पूछे जाने पर अजय बिसारिया ने कहा कि बिल्कुल ये कहा गया था कि पायलट को कोई चोट नहीं लगनी चाहिए, जिनेवा प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए.


क्या पाकिस्तानी सेना की जुबान बोल रहे थे पाक नेता? 


भारत ने जब ये चेताया साफ-साफ पाकिस्तान को तो क्या वहां की पॉलिटिकल लीडरशिप या पॉलिटिकल सेटअप को और आर्मी को, ये तमाम लोगों को ये खबर आपस में साझा करने का मौका मिला? पार्लियामेंट तक कैसे गई ये बात? यह पूछे जाने पर अजय बिसारिया ने कहा, ''जहां तक मेरा असेसमेंट (आकलन) है ये एक आर्मी ड्रिवन प्रोसेस (सेना संचालित प्रक्रिया) थी. तो फैसले आर्मी कर रही थी और ये सूचना दी जा रही थी सिविलियन लीडर्स को कि उनको क्या कहना है, क्या करना है.


क्या पाकिस्तान ने पुलवामा पार्टी टू करने की कोशिश की थी?


2019 में पुलवामा के बाद दोबारा से एक पुलवामा पार्ट टू करने की कोशिश भी हुई थी? ऐसे इनपुट मिले थे उस वक्त कि ये कर सकता है या एक अफवाह फैलाई गई थी पाकिस्तान की तरफ से कि पुलवामा टू की तरह का कोई बड़ा आतंकी हमला हो सकता है जम्मू-कश्मीर में? यह पूछे जाने पर पूर्व उच्चायुक्त ने कहा, ''एग्जैक्ट्ली क्या हुआ, ये तो कई रिपोर्ट्स हमने देखीं मगर मेरे अनुमान ऐसा मेरी जानकारी में कुछ नहीं आया.



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