Shah Faesal Come Back after 3 Years: जम्मू-कश्मीर के पहले यूपीएससी टॉपर शाह फैसल को तीन साल बाद बहाल कर दिया गया है. उन्होंने सिविल सर्विसेज को ज्वाइन कर लिया है. हालांकि अभी वेटिंग में हैं और उनकी पोस्टिंग होनी बाकी है. बीते दिनों ही उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से सर्विस में वापस आने के संकेत दिए थे. उन्होंने देश में बढ़ती कथित असहिष्णुता को लेकर साल 2019 के जनवरी महीने में इस्तीफा दे दिया था और राजनीति की मलाई चाटने निकल पड़े थे. इसके बाद उन्होंने खुद की पार्टी बनाई और चुनाव लड़ने की मशा व्यक्त की.


ये तो हुई उनकी इस्तीफे से लेकर फिर से बहाली की बात लेकिन उनकी वापसी क्या वाकई में आसान थी. इसको लेकर आईएएस के सर्विस रूल्स क्या कहते हैं. ऑल इंडिया अमेंडमेंट रूल्स 2011 के तहत इस्तीफे के बाद फिर से सर्विस में वापस आने के लिए नियम व शर्तें तय की गई हैं.


क्या कहता है ऑल इंडिया अमेंडमेंट रूल


इस रूल के मुताबिक कहा गया है कि कोई अधिकारी अपना इस्तीफा वापस ले सकता है अगर इस्तीफे के पीछे रहे कारणों से उसकी सत्यनिष्ठा, क्षमता और व्यवहार पर आंच न आती हो. लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हो जाती. इस्तीफा देने वाला अफसर का इस्तीफा वापस कुछ शर्तों के साथ ही हो सकता है. किसी अफसर ने अगर इस्तीफा सिर्फ इसलिए दिया क्योंकि वो कोई व्यवसायिक प्राइवेट कंपनी, कॉर्पोरेशन या सरकार के नियंत्रण वाली किसी कंपनी में नौकरी करना चाहता है, याफिर इस्तीफा देकर वो किसी राजनीतिक पार्टी या राजनीतिक आंदोलन से जुड़ना चाहता है तो ऐसे में इस्तीफा वापसी की दरख्वास्त केंद्र सरकार मंजूर नहीं कर सकती.


इन नियमों और कायदों पर भी डालिए नजर


पर्सनल और ट्रेनिंग विभाग के तहत भी सर्विस से जुड़े कुछ मामले नियंत्रित होते हैं. इस नियम के अनुसार अगर कोई अधिकारी अपने पद व सेवा से इस्तीफा देता है और कुछ समय बाद सर्विस फिर से ज्वाइन करना चाहता है तो ये भी देखना होता है कि उसका इस्तीफा केंद्र सरकार ने मंजूर तो नहीं कर लिया. नौकरी में दोबारा आने के लिए अधिकारी के आवेदन पर केंद्रीय प्रसाशनिक ट्रिब्यूनल सुनवाई करता है.


लेकिन शाह फैसल का मामला था पेचीदा


कश्मीर में बतौर आईएएस सेवाएं दे रहे शाह फैसल ने साल 2019 में इस्तीफा दिया था लेकिन केंद्र सरकार ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया था. ये इस्तीफा उन्होंने सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए दिया था और अपनी एक राजनीतिक पार्टी भी बनाई थी. इतना ही नहीं कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद राज्य में हालात बदले और कई कश्मीरी नेताओं के साथ साथ फैसल को भी पब्लिक सेफ्टी के तहत गिरफ्तार और नजरबंद भी किया गया था. 10 महीने बाद उन्हें रिहा किया गया था. तो ऐसे में फैसल का मामला बेहद पेचीदा हो गया था.


इस मामले पर सरकार का कहना है कि फैसल के इस्तीफे को वापस लेन वाली याचिका को स्वीकार कर लिया गया है. उनकी अगली नियुक्ति की घोषणा जल्द कर दी जाएगी. अधिकारियों ने कहा कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, आईएएस की देखभाल करने वाले विभाग से रिपोर्ट मिलने के बाद उनकी याचिका को स्वीकार करने का निर्णय लिया गया है और उन्हें बहाल कर दिया गया.  


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