'ये चाहते हैं पाक से हमारा झगड़ा रहे', J&K में मोदी सरकार पर भड़कीं महबूबा, द कश्मीर फाइल्स पर कही ये बात
जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, ये लोग चाहते हैं कि पाकिस्तान के साथ हमारा झगड़ा रहे.
!['ये चाहते हैं पाक से हमारा झगड़ा रहे', J&K में मोदी सरकार पर भड़कीं महबूबा, द कश्मीर फाइल्स पर कही ये बात Former J&K CM Mehbooba mufti attacks narendra Modi govt says they want dispute to continue with Pakistan 'ये चाहते हैं पाक से हमारा झगड़ा रहे', J&K में मोदी सरकार पर भड़कीं महबूबा, द कश्मीर फाइल्स पर कही ये बात](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/03/22/9b3cc5cd82a38a86f3f787ed13559a70_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, ये लोग चाहते हैं कि पाकिस्तान के साथ हमारा झगड़ा रहे. हिंदू मुस्लिम और जिन्ना करते रहें. महबूबा ने आगे कहा, अब ये लोग बाबर और औरंगजेब तक को याद करते हैं.
जम्मू-कश्मीर के सांबा में महबूबा ने कहा, 'हमने बहुत बुरे वक़्त देखे हैं. लेकिन, हम चाहते हैं कि यह खून-खराबा अब हमेशा के लिए बंद हो. मगर ये नहीं चाहते. ये चाहते हैं कि पाकिस्तान के साथ हमारा झगड़ा रहे. हिंदू, मुस्लिम, जिन्ना करते रहें. अब तो ये जिन्ना को छोड़कर बाबर और औरंगजेब को याद करते हैं. औरंगजेब 500 साल पहले था, बाबर 800 साल पहले था. हमारा उसके साथ क्या लेना देना. आप उसे क्यों याद करते हो. महबूबा ने कहा कि कांग्रेस ने देश को सुरक्षित रखा है. बीजेपी कई पाकिस्तान बनाना चाहती है.
#WATCH | My father's uncles were killed... They (BJP) want the fight with Pakistan to prevail, they talk about Hindu/Muslim, Jinnah, Babur, Aurangzeb... Congress kept this nation safe... they (BJP) want to make many Pakistans: PDP chief Mehbooba Mufti, in Samba, J&K pic.twitter.com/38nKTL0qFk
— ANI (@ANI) March 22, 2022
हाल ही में आई फिल्म द कश्मीर फाइल्स पर महबूबा ने कहा, ये सब हमने देखा है. मेरे पिताजी के मामाजी को मार दिया गया. मेरे पिताजी के चचेरे भाई को मारा गया. धारा 370 के हटने के बाद जम्मू के लोगों ने बहुत बुरा वक़्त देखा है.
कश्मीरी पंडितों का मामला संसद में भी गूंजा. राज्यसभा में कांग्रेस के विवेक तन्खा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पिछले छह सालों से या तो राज्यपाल शासन चल रहा है या राष्ट्रपति शासन. उन्होंने कहा कि राज्य में विधायिका होने के बावजूद वहां के बजट पर संसद में चर्चा करनी पड़ रही है.
तन्खा ने कहा, 'जम्मू कश्मीर केवल अनुच्छेद 370 ही नहीं है उससे बहुत बड़ा है'. उन्होंने कहा कि वहां करोड़ों लोग रहते हैं जिनके कुछ दृष्टिकोण हैं, कुछ आकांक्षाएं हैं और यदि उनकी इन आकांक्षाओं को जाने बिना हम (संसद) उनके बजट को बनाते हैं तो यह उनके साथ अन्याय होगा.
उन्होंने कहा कि सरकार कश्मीर में विदेशी निवेश की बात करती है। उन्होंने सवाल किया, 'जब कश्मीरी पंडितों को ही वापस जाने के लिए सुरक्षा नहीं मिल रही तो कौन विदेशी नागरिक आएगा?' उन्होंने याद दिलाया कि जब संसद में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने संबंधी विधेयक को पारित किया जा रहा था तो उन्होंने गृह मंत्री से सवाल किया था कि क्या इसके हटने के बाद कश्मीरी पंडित लौट आएंगे? उन्होंने कहा कि इसके बावजूद कोई कश्मीरी पंडित वापस नहीं लौटा?
इस पर बीजेपी के डॉ. अनिल जैन ने कहा कि जनसंघ के नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर में 'दो निशान, दो प्रधान, दो विधान' के विरोध में सर्वोच्च बलिदान दिया था. उन्होंने कहा कि पांच अगस्त 2019 के बाद जम्मू कश्मीर में बाबा साहब आंबेडकर का संविधान सही मायनों में लागू हुआ है.
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की बात करने वाले विपक्षी दलों की जब सरकारें रहीं तो वे जम्मू कश्मीर में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव नहीं करवा पाए. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के शासनकाल में पहली बार राज्य में स्थानीय चुनाव करवा कर पंचायती राज कायम किया गया.
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