जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का दावा- सरकार ने घर में फिर किया नजरबंद
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने दावा किया है कि वह शोपियां में एक कश्मीरी पंडित के परिवार पर हुए हमले के बाद उनसे मिलने जाना चाहती थीं. लेकिन उन्हें नजरबंद कर दिया गया.
जम्मू-कश्मीर के शोपियां में बीते दिनों कश्मीरी पंडित पर हुई गोलीबारी को लेकर अब राजनीति गरमाने लगी है. शोपियां के छोटिगम में हुए इस आतंकी हमले के बाद प्रसाशन ने कश्मीरी पंडित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई है. वहीं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का आरोप है कि वह शोपियां में हमले के कश्मीरी पंडित के परिवार से मिलने जाना चाहती थी, लेकिन उन्हें नजरबंद रखा गया है.
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करते हुए दावा किया है कि वह कुछ दिन पहले शोपियां में एक कश्मीरी पंडित के परिवार पर हुए हमले के बाद उनसे मिलने जाना चाहती थीं, लेकिन उन्हें नजरबंद कर दिया गया है. इसके साथ ही उन्होंने अपने ट्वीट में भारत सरकार पर कश्मीरी मुख्यधारा और मुसलमानों के खिलाफ नकली प्रचार फैलाना का आरोप लगाया है.
Placed under house arrest today because I wanted to visit the family of the Kashmiri pandit attacked in Shopian. GOI wilfully spreads fake propaganda about Kashmiri mainstream & muslims responsible for pandit exodus & doesn’t want this fake divisive narrative to be exposed. pic.twitter.com/wRPet5cX98
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) April 12, 2022
अपने किए गए ट्वीट में महबूबा मुफ्ती ने लिखा, 'मैं शोपियां हमले के पीड़ित कश्मीरी पंडित के परिवार से मिलने जाना चाहती थी, इसलिए आज घर पर मुझे नजरबंद रखा गया. भारत सरकार जानबूझकर कश्मीरी मुख्यधारा और पंडितों के पलायन के लिए मुसलमानों को जिम्मेदार ठहरा रही है और उनके बारे में नकली प्रचार फैलाती है. बीजेपी नहीं चाहती कि यह फर्जी विभाजनकारी कथा उजागर हो.' वहीं खबरों की मानें तो अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा कारणों से महबूबा मुफ्ती को यात्रा करने से रोका गया था.
बता दें कि 4 अप्रैल को शोपियां में एक कश्मीरी पंडित बाल कृष्ण उर्फ सोनू पर उनकी दुकान में घुसकर आतंकवादियों ने गोलियां चलाई थी. जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए. बाल कृष्ण शोपियां के छोटिगम गांव में अपना एक मेडिकल स्टोर चलाते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक बताया जा रहा है कि सोनू ने कश्मीरी पंडितों के पलायन के दौरान भी कश्मीर नहीं छोड़ा और पिछले 30 सालों से कश्मीर में रह रहे हैं.
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