Prajwal Revanna Video Case: कर्नाटक के चर्चित वीडियो कांड में फंसे जेडीएस के निष्कासित नेता प्रज्वल रेवन्ना को 42वीं एसीएमएम कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. अब वो 24 जून तक जेल में रहेंगे. मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने सोमवार सुबह मौके पर पूछताछ पूरी कर ली थी, इसलिए आगे की हिरासत की मांग नहीं की.
आपत्तिजनक वीडियो का मामला सामने आने के बाद प्रज्वल अप्रैल में देश छोड़कर जर्मनी चले गए थे. दुनिया भर के सभी इमिग्रेशन पॉइंट्स पर उनके खिलाफ कई लुकआउट नोटिस जारी किए गए थे. वह 31 मई को बेंगलुरु लौटे और एसआईटी टीम ने गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद उन्हें 6 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
महिलाओं की टीम ने किया था प्रज्वल को गिरफ्तार
31 मई को हासन से पूर्व जेडीएस सांसद प्रज्वल के बेंगलुरु पहुंचते ही उन्हें गिरफ्तार करने के लिए एक महिला आईपीएस अधिकारी के नेतृत्व में महिला पुलिसकर्मियों की एक टीम भेजी गई, जो कर्नाटक एसआईटी की ओर से एक प्रतीकात्मक संदेश की तरह लग रहा था. पांच महिला पुलिस अधिकारियों ने प्रज्वल को गिरफ्तार किया.
SIT कर रही जांच
प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामलों को साबित करने में महत्वपूर्ण सबूत के रूप में देखे जा रहे कर्नाटक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने लीक हुए अश्लील वीडियो क्लिप में सुनाई देने वाली आवाजों से मिलान करने के लिए जेडीएस उत्तराधिकारी की आवाज के सैंपल इकट्ठे किए हैं. एसआईटी ने उस जगह की भी पहचान कर ली है, जहां पूर्व सांसद ने कथित तौर पर घरेलू सहायिका का यौन शोषण किया था. महिला और अन्य पीड़ितों के खिलाफ यौन शोषण को कथित तौर पर प्रज्वल ने अपने आईफोन पर रिकॉर्ड किया था, जिसके बारे में उसने दावा किया कि वह "खो गया" है.
प्रज्वल का चेहरा उनके पूर्व ड्राइवर कार्तिक गौड़ा की ओर से लीक किए गए यौन शोषण के वीडियो में नहीं दिख रहा है, जिसे शनिवार को गिरफ्तार किया गया था. इसलिए, जांचकर्ता अब फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी से मिले प्रज्वल के वॉयस सैंपल के साथ लीक हुए वीडियो क्लिप में आवाज़ों का मिलान करने की कोशिश कर रहे हैं.
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